बीजेपी के पसमांदा प्रयोग का दिल्ली MCD चुनाव में होगा पहला टेस्ट

Update: 2022-11-21 06:39 GMT

दिल्ली न्यूज़: दिल्ली एमसीडी का चुनाव प्रचार जोरों पर है। बीजेपी की कैंडिडेट की लिस्ट में चार पसमांदा मुस्लिम भी शामिल हैं। बीजेपी पिछले कुछ वक्त से अपनी सोशल इंजीनियरिंग के तहत पसमांदा मुस्लिमों पर फोकस कर रही है। कुछ महीने पहले हैदराबाद में हुई बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेताओं से कहा था कि पसमांदा मुस्लिमों पर खास ध्यान दिया जाए। क्या एमसीडी चुनाव बीजेपी के पसमांदा एक्सपेरिमेंट का पहला टेस्ट होगा?

तीन महिलाएं भी : मुस्लिम समाज के भीतर पसमांदा समाज को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक दृष्टि से पिछड़ा माना जाता है। यह कह सकते हैं कि यह मुस्लिम समाज का ओबीसी वर्ग है। इसमें कुरैशी, मंसूरी, अंसारी, सलमानी, सिद्दीकी सहित 41 अलग-अलग जातियां आती हैं। बीजेपी ने एमसीडी चुनाव में जिन चार पसमांदा मुस्लिमों को टिकट दिया है, उनमें तीन महिलाएं भी शामिल हैं। चांदनी महल वॉर्ड से इरफान मलिक, कुरैश नगर से समीना राजा, चौहान बांगर से सबा गाजी और मुस्तफाबाद से शबनम मलिक को टिकट दिया गया है। बीजेपी ने कुछ वक्त से पसमांदा मुस्लिमों पर फोकस करना शुरू किया है। बीजेपी पर मुस्लिम विरोधी होने के आरोप लगते रहे हैं और यह भी ओपन सीक्रेट है कि बीजेपी को मुस्लिम समाज का वोट कम ही मिल पाता है।

बीजेपी का दावा अलग: बीजपी का मानना है कि तीन तलाक पर बैन के बाद बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाओं ने बीजेपी को वोट दिया है। मगर, यह भी तथ्य है कि बीजेपी के खिलाफ अगर किसी भी चुनाव में मुस्लिम एकजुट होकर वोट दें, तो उसकी मुश्किल बढ़ जाती है। बीजेपी ने इससे पार पाने के लिए सोशल इंजीनियरिंग शुरू की है। वह मुस्लिम समाज की महिलाओं को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रही है। साथ ही वह मुस्लिम समाज के पिछड़े वर्ग को भी जोड़ने के लिए कई कदम उठा रही है। बीजेपी मुस्लिम महिलाओं के बीच तीन तलाक पर बैन किए जाने की बात करती है साथ ही महिलाओं के लिए शुरू की गई उज्ज्वला स्कीम सहित दूसरी स्कीमों का जिक्र करती है।

अलग टीम: पसमांदा मुस्लिमों के बीच बीजेपी विकास की बात करती है और बीजेपी का अल्पसंख्यक मोर्चा उनके बीच काम करने के लिए अलग से टीम भी बना रहा है। बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा ने चुनावों में चाहे वह उत्तर प्रदेश के चुनाव हों या दूसरे राज्यों के, उन बूथों पर फोकस किया जहां मुस्लिम आबादी ज्यादा है। साथ ही पसमांदा मुस्लिमों पर अलग से फोकस किया। बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दिकी ने कहा कि पार्टी पहले से पसमांदा समाज को जोड़ने का काम कर रही है। यही वजह है कि अल्पसंख्यक मोर्चा की जो टीम बनी उसमें भी पसमांदा समाज को खास जगह मिली। उन्होंने कहा कि उनसे पहले जो अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष थे वह भी पसमांदा समाज के थे।

जोड़ने की पहल: जमाल सिद्दिकी ने कहा कि उत्तर प्रदेश चुनाव के वक्त 6 हजार बूथों की पहचान की गई थी, जहां पसमांदा समाज के लोग रहते हैं। उन्हें पार्टी से जोड़ा गया। अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष ने कहा कि एक टीम बनाई जा रही है। वह पसमांदा समाज के लोगों के बीच जाकर बीजेपी की नीतियों और केंद्र सरकार के कामों के बारे में बताएगी। उनकी दिक्कतें सुनी जाएंगी और समाधान भी निकाला जाएगा।

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