दिल्ली विकास प्राधिकरण ने नियमों में दी छूट, अब अनधिकृत कालोनियों में आसानी से मिलेगा मालिकाना हक

दिल्ली की अनधिकृत कालोनियों में संपत्तियों का मालिकाना हक प्राप्त करना अब आसान होगा।

Update: 2022-07-23 02:51 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दिल्ली की अनधिकृत कालोनियों में संपत्तियों का मालिकाना हक प्राप्त करना अब आसान होगा। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की ओर से शुक्रवार को मालिकाना हक पाने के नियमों में छूट की घोषणा की है। आवेदकों के लिए वसीयत अनिवार्य नहीं होगी और निजी जमीन के मामले में पूरे प्लॉट एरिया पर स्वामित्व अधिकार भी प्रदान किया जाएगा।

संशोधनों से ज्यादा लोगों को उनकी प्रॉपर्टी के स्वामित्व अधिकार मिलने में मदद होगी। वसीयत दस्तावेज नहीं होने के कारण बीते साल भर में लगभग 2000 लोगों को मालिकाना हक नहीं दिया जा सका है। इसके अलावा केंद्र ने पीएम उदय योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने हेतु जीपीए/एटीएस के स्थान पर रजिस्टर्ड गिफ्ट डीड प्रस्तुत करने की भी अनुमति दी है।
इन संशोधनों से ज्यादा लोगों को उनकी प्रॉपर्टी के स्वामित्व अधिकार प्राप्त करने और नगर निकायों द्वारा बिल्डिंग प्लान को अनुमोदित करने में मदद मिलने की उम्मीद है। वहीं आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के अनुसार, दिल्ली आवास अधिकार योजना में प्रधानमंत्री-अनधिकृत कॉलोनी के तहत कई आवेदकों के पास वैध वसीयत और गिफ्ट डीड नहीं है। जिसके चलते इनको मालिकाना हक नहीं मिल पा रहा है।
डीडीए की ओर से इस योजना के तहत अनाधिकृत कॉलोनियों के अन्य 75 लाख निवासियों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है, वास्तव में स्वामित्व अधिकार प्राप्त करने वाले निवासियों की संख्या कम है। प्रस्तावित संशोधनों से कन्वेन्स डीड या प्राधिकरण पर्ची प्राप्त करने की प्रक्रिया को बहुत आसान बनाने की उम्मीद है। यह भी पाया गया कि बहुत से ऐसे आवेदन प्राप्त हुए जिनमें आवेदकों ने पीएम-उदय योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने हेतु जीपीए/एटीएस के स्थान पर रजिस्टर्ड गिफ्ट डीड को उपलब्ध कराया है।
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