एनबीसीसी से मांगा एक्शन प्लान, ट्विन टावर की तरह गिराई जाएगी गुरुग्राम में ग्रीन व्यू सोसाइटी, बेघर हुए 260 परिवार

नोएडा के सुपरटेक ट्विन टावर की तरह अब गुरुग्राम में सेक्टर-37 डी के ग्रीन व्यू सोसाइटी गिराने की तैयारी शुरू हो गई है।

Update: 2022-08-07 04:55 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। नोएडा के सुपरटेक ट्विन टावर की तरह अब गुरुग्राम में सेक्टर-37 डी के ग्रीन व्यू सोसाइटी गिराने की तैयारी शुरू हो गई है। नगर योजनाकार विभाग के निदेशक ने एनबीसीसी प्रबंधन को पत्र लिखकर जर्जर सोसाइटी गिराने का एक्शन प्लान मांगा है। यहां पर 14-14 मंजिला के सात टावर बने हुए हैं। इसे गिराने से पहले आसपास के इलाके को कैसे सुरक्षित रखा जाएगा, इसकी पूरी कार्ययोजना बनाकर विभाग को सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। उधर, खरीदार एनबीसीसी की ओर से दिए गए रिफंड को ठुकराते हुए मार्केट रेट की दर से फ्लैट की कीमत मांग रहे हैं।

नेशनल बिल्डिग कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन (एनबीसीसी) की ओर से वर्ष 2012 में ग्रीन व्यू नाम से आवासीय सोसाइटी प्रोजेक्ट लांच किया गया था। यह प्रोजेक्ट सेक्टर-37 डी के 18 एकड़ जमीन पर है। 14-14 मंजिल के सात टॉवर बनाए गए हैं। इसमें 784 फ्लैट हैं। 260 खरीदारों ने 66-66 लाख रुपये में फ्लैट बुक करवाए थे। तीन साल की देरी से 2018 में सभी खरीदारों को फ्लैट पर पजेशन दे दिए गए। फ्लैटों में रहने गए खरीदारों ने इमारत की जर्जर हालत देखकर 2018 से ही शिकायत करने लगे।
'ब्याज के साथ पैसा लौटाया जाए'
खरीदार कुलविरेंद्र सिंह ने कहा कि ब्याज सहित पूरा रिफंड चाहिए। फ्लैट के इंटीरियर पर पैसा खर्च किया है और रजिस्ट्री आदि में जो राशि खर्च हुई है, वह भी एनबीसीसी लौटाए। वहीं खरीदार यदुवेंद्र सिंह ने कहा कि दस साल से फ्लैट के किस्त दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें फ्लैट का पैसा मार्केट की दर से मिलना चाहिए।
70 परिवारों को छह माह किराया दिया
70 खरीदार इन जर्जर फ्लैट में रहते थे। उनको दूसरे जगह शिफ्ट करवाकर छह महीने का एनबीसीसी की ओर से किराया दिया गया है, जो अब पूरा हो चुका है। एनबीसीबी ने रिफंड करने का खरीदारों को ऑफर दिया है। साथ ही शर्त रखी है कि दस साल पहले खरीदे गए फ्लैट की और रजिस्ट्री का पैसा दिया जाएगा। इसके अलावा जो केस किए गए हैं उसे वापस लिया जाए।
260 परिवार हुए बेघर, नहीं लौटाया पैसा
एनबीसीसी की गलती की वजह से करीब 260 परिवार बेघर हो गए। 17 फरवरी 2022 को वहां रह रहे लोगों को बिल्डिंग खाली करने का आदेश दिया गया था। साथ ही डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के चेयरमैन और जिला न्यायाधीश की तरफ से एनबीसीसी को सभी लोगों के पैसे रिफंड करने को कहा गया था। इस आदेश का उल्लंघन करते हुए एनबीसीसी ने पैसा नहीं लौटाया है।
अक्तूबर 2021 में इमारत असुरक्षित घोषित
एसोसिएशन ऑफ अपार्टमेंट ओनर्स के अनुसार सेंट्रल विजिलेंस कमीशन के चीफ टेक्निकल एग्जामिनर की रिपोर्ट में दिसंबर 2019 में ही अनियमितताएं पाई गईं। फिर भी सरकार ने जांच का आदेश नहीं दिया। तीन अक्तूबर 2021 को एनबीसीसी ने पूरी बिल्डिंग को लोगों के लिए असुरक्षित कर दिया। जिला प्रशासन ने रिफंड दिलाने का वादा कर एक मार्च 2022 को सोसाइटी खाली करा ली।
गुरुग्राम के वरिष्ठ नगर योजनाकार नरेंद्र सोलंकी ने कहा, 'नगर योजनाकार विभाग के निदेशक की ओर से एनबीसीसी प्रबंधन को पत्र लिखकर सेक्टर-37 डी के ग्रीन व्यू सोसाइटी गिराने के लिए एक्शन टेकन रिपोर्ट मांगी है।'
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