एम्स नसिर्ंग एंट्रेंस टेस्ट धोखाधड़ी मामले में 2 और गिरफ्तारी

Update: 2023-06-22 13:20 GMT

नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने एम्स द्वारा आयोजित नर्सिग ऑफिसर रिक्रूटमेंट कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (एनओआरसीईटी-4) में हुई धोखाधड़ी के मामले में दो और लोगों को गिरफ्तार किया है। जांच एजेंसी ने इससे पहले 16 जून को दो अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था। इस मामले में सीबीआई ने अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया है। 9 जून को एम्स, नई दिल्ली की शिकायत पर यह मामला दर्ज किया गया था।

एम्स ने राष्ट्रीय राजधानी के सभी एम्स अस्पतालों और कुछ अन्य सरकारी अस्पतालों के लिए 3,055 नर्सिग अधिकारियों की भर्ती के लिए 3 जून को भारत भर के 300 से अधिक केंद्रों पर एनओआरसीईटी-4 परीक्षा का आयोजन किया था।

3 जून को सुबह की पाली के दौरान आयोजित परीक्षा के प्रश्नपत्र के लीक होने का दावा करने वाले ट्वीट 5 जून की शाम को देखे गए। सीबीआई के बयान के अनुसार, एम्स, नई दिल्ली के परीक्षा अनुभाग के एसोसिएट डीन (परीक्षा) डॉ. नवल के. विक्रम ने शिकायत दर्ज कराई थी कि हरियाणा की रहने वाली रितु नाम की एक उम्मीदवार परीक्षा के दौरान धोखाधड़ी में शामिल थी।

एफआईआर में कहा गया है कि रितु या उसकी ओर से किसी ने 3 जून को आयोजित एनओआरसीईटी-4 भर्ती परीक्षा में नकल करने के लिए ज्ञान ज्योति संस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी में कंप्यूटर सिस्टम के माध्यम से अनुचित साधनों का इस्तेमाल किया।

उम्मीदवार के स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा किए गए थे। स्क्रीनशॉट का विश्लेषण करने के बाद पता चला कि रितु नाम की एक उम्मीदवार ने एनओआरसीईटी-4 भर्ती परीक्षा के लिए आवेदन किया था।

सीबीआई ने रितु और ज्ञान ज्योति इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी और अज्ञात अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 120-8, धारा 420 और आईटी अधिनियम 2000 की धारा 66 के तहत एफआईआर दर्ज की है।

जांच के दौरान हरियाणा, चंडीगढ़, मोहाली और दिल्ली में आरोपियों के परिसरों और मोहाली में परीक्षा केंद्र सहित पांच स्थानों पर तलाशी ली गई।

तलाशी और जांच के दौरान, एनवीआर (नेटवर्क वीडियो रिकॉर्डर) सीसीटीवी फुटेज, सर्वर लैपटॉप की जांच की गई। पहचाने गए उम्मीदवारों के सीपीयू, विभिन्न मोबाइल फोन और संदिग्ध टीएफटी बरामद किए गए। चारों आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।

--आईएएनएस

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