काम की खबर! Driving License को लेकर सरकार ने बदल दिए हैं पुराने नियम

Driving License New Rules: ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर केंद्र सरकार ने कुछ नियमों में बदलाव किया है, जिसके बाद आम आदमी को ड्राइविंग लाइसेंस के लिए RTO के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

Update: 2022-03-02 05:24 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License New Rules) बनवाने को लेकर जरूरी खबर है. डीएल को लेकर सरकार ने पुराने नियमों में बदलाव कर दिया है. इसके तहत अब लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस के लिए रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस (RTO) के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है. दरअसल, केंद्र सरकार ने ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के नियमों को अब बेहद आसान कर दिया है. आइये जानते हैं सरकार के इस नए नियम के बारे में.

अब ड्राइविंग टेस्ट की जरूरत नहीं
ड्राइविंग लाइसेंस के लिए नियमों में सरकार ने संशोधन कर दिया है. नए नियम के मुताबिक, अब आपको किसी तरह का कोई ड्राइविंग टेस्ट RTO जाकर देने की जरूरत नहीं पड़ती है. केंद्रीय सड़क परिवहन और हाईवे मंत्रालय ने इन नियमों को नोटिफाई कर दिया है, ये नियम दिसंबर से लागू हो चुके हैं. इस नए बदलाव से करोड़ों लोग जो अपने ड्राइविंग लाइसेंस के लिए RTO की वेटिंग लिस्ट में पड़े हैं, उन्हें बड़ी राहत मिलेगी.
ड्राइविंग स्कूल जाकर ट्रेनिंग लेनी होगी
मंत्रालय की ओर से उन सभी एप्लीकेंट्स को ये सूचित किया जा रहा है जो अब भी ड्राइविंग लाइसेंस पाने के लिए RTO में अपने टेस्ट का इंतजार कर रहे हैं. अब वो ड्राइविंग लाइसेंस के लिए किसी भी मान्यता प्राप्त ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल में अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं. उन्हें ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल से ट्रेनिंग लेनी होगी और वहीं पर टेस्ट को पास करना होगा, स्कूल की ओर से एप्लीकेंट्स को एक सर्टिफिकेट दिया जाएगा. इसी सर्टिफिकेट के आधार पर एप्लीकेंट का ड्राइविंग लाइसेंस बना दिया जाएगा.
क्या कहते हैं नये नियम
ट्रेनिंग सेंटर्स को लेकर सड़क और परिवहन मंत्रालय की ओर से कुछ गाइडलाइंस और शर्तें भी हैं. जिसमें ट्रेनिंग सेंटर्स के क्षेत्रफल से लेकर ट्रेनर की शिक्षा तक शामिल है. चलिए इसको समझते हैं.
1. अधिकृत एजेंसी ये सुनिश्चित करेगी की दोपहिया, तिपहिया और हल्के मोटर वाहनों के ट्रेनिंग सेंटर्स के पास कम से कम एक एकड़ जमीन हो, मध्यम और भारी यात्री माल वाहनों या ट्रेलरों के लिए सेंटर्स के लिए दो एकड़ जमीन की जरूरत होगी.
2. ट्रेनर कम से कम 12वीं कक्षा पास हो और कम से कम पांच साल का ड्राइविंग अनुभव होना चाहिए, उसे यातायात नियमों का अच्छी तरह से पता होना चाहिए.
3. मंत्रालय ने एक शिक्षण पाठ्यक्रम भी निर्धारित किया है. हल्के मोटर वाहन चलाने के लिए, पाठ्यक्रम की अवधि अधिकतम 4 हफ्ते होगी जो 29 घंटों तक चलेगी. इन ड्राइविंग सेंटर्स के पाठ्यक्रम को 2 हिस्सों में बांटा जाएगा. थ्योरी और प्रैक्टिकल.
4. लोगों को बुनियादी सड़कों, ग्रामीण सड़कों, राजमार्गों, शहर की सड़कों, रिवर्सिंग और पार्किंग, चढ़ाई और डाउनहिल ड्राइविंग वगैरह पर गाड़ी चलाने के लिए सीखने में 21 घंटे खर्च करने होंगे. थ्योरी हिस्सा पूरे पाठ्यक्रम के 8 घंटे शामिल होगा, इसमें रोड शिष्टाचार को समझना, रोड रेज, ट्रैफिक शिक्षा, दुर्घटनाओं के कारणों को समझना, प्राथमिक चिकित्सा और ड्राइविंग ईंधन दक्षता को समझना शामिल होगा.


Tags:    

Similar News

-->