इस फैसले से आज आम लोगों को मिल सकती है बड़ी राहत, जीएसटी काउंसिल की होगी अहम बैठक

Update: 2021-12-31 01:53 GMT

दिल्ली। जीएसटी काउंसिल की आज 46वीं बैठक हो रही है. उम्मीद है कि काउंसिल बढ़ती महंगाई के बीच आम लोगों को बड़ी राहत दे सकती है. आज की बैठक में मुख्य मुद्दा जीएसटी दरों के स्लैब की संख्या में बदलाव को लेकर है. वहीं बैठक में कपड़ों और फुटवियर पर जीएसटी की दर को बढ़ाने के फैसले को वापस लेने पर भी विचार किया जा सकता है. दरअसल जीएसटी स्लैब को तर्कसंगत बनाने की मांग लगातार बढ़ रही है. वहीं एक जनवरी से जीएसटी दरों में बढ़ोतरी का विरोध भी तेज हो गया है. ऐसे में संभावना है कि आज की बैठक में सरकार इसका हल निकाल सकती है. 

बैठक में जीएसटी टैक्स स्लैब घटाने पर भी विचार होना है फिलहाल जीएसटी दरों के चार स्लैब है, 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी. जरुरी आईटम्स या तो सबसे कम स्लैब में है या उनपर कोई टैक्स नहीं है. लग्जरी आईटम्स सबसे ऊंचे स्लैब में है, इनपर सेस भी लगता है. बाकी सारे आइटम बीच के दो स्लैब में यानि 12 फीसदी और 18 फीसदी स्लैब में आते हैं. इन दोनो स्लैब को मिलाकर एक स्लैब बनाने की मांग हो रही है.मांग करने वालों का तर्क है कि जीएसटी में ज्यादा स्लैब बनाने का कोई मतलब नहीं है. स्लैब जितने कम होंगे टैक्स को लेकर उतनी आसानी होगी. इस मामले पर मंत्रियों के समूह को भी अपनी रिपोर्ट भी सौपनी है. सरकार लगातार जीएसटी स्लैब को तर्कसंगत बनाने की बात कहती रही है. हालांकि दरों में किसी तरह का बदलाव आय पर असर डाल सकता है. वहीं नये स्लैब में इस बात की संभावना बन सकती है कि कुछ उत्पादों पर जीएसटी दरें बढ़ जाये. सरकार इस रिपोर्ट के जरिये इन सभी सवालों का जवाब तलाश रही है.

आज की बैठक में कपड़ों और फुटवियर पर जीएसटी बढ़ाने के फैसले पर भी विचार किया जायेगा. फैसले के मुताबिक एक जनवरी 2022 से फुटवियर , मैन मेड फाइबर और फैब्रिक्स पर पहले से ज्यादा जीएसटी लगेगा. एक जनवरी से जूते-चप्पल और रेडीमेड गारमेंट पर गुड्स एंड सर्विसेस टैक्‍स पांच फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी तक करने का प्रस्ताव है. इससे इन सभी की कीमतों में बढ़त दर्ज होगी. इसी वजह से कारोबारी इस फैसले का विरोध कर रहे हैं. उनके मुताबिक कीमतें बढ़ने से महामारी के बाद सेक्टर में रिकवरी को झटका लग सकता है. राज्य सरकारें लगातार इस फैसले का विरोध कर रही हैं. तेलंगाना के कॉमर्स मंत्री और पश्चिम बंगाल के वित्त सलाहकार अमित मित्रा ने भी पत्र लिखकर जीएसटी की दर बढ़ने से करीब 15 लाख रोजगार और एक लाख छोटे यूनिट बंद होने का अंदेशा केंद्र सरकार के समक्ष जताया है. 

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