सरकार टेलीकॉम कंपनियों शेयरों का अब क्या करेगी
सरकार इस साल स्वतंत्रता दिवस पर देशवासियों को 5G का तोहफा देना चाहती है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | सरकार इस साल स्वतंत्रता दिवस पर देशवासियों को 5G का तोहफा देना चाहती है. इसके लिए तैयारियां भी खूब की जा रही है. लेकिन टेलीकॉम कंपनियों (Telecom Companies) के विचारों में भिन्नता से 5जी की घंटी बजने में देरी होती दिख रही है. दूरसंचार विभाग चाहता है कि टेलीकॉम नियामक ट्राई मार्च अंत तक 5जी स्पेक्ट्रम (5G Spectrum) की नीलामी पर अपनी सिफारिशें सौंप दे. ताकि मई-जून में नीलामी प्रक्रिया को पूरा कर, अगस्त में इस नई सर्विस को लॉन्च कर दिया जाए, लेकिन कुछ मुद्दों पर टेलीकॉम कंपनियों के विचारों में भिन्नता से 5जी की स्पीड में डिर्स्टबेंस पैदा हो सकता है.
आइए जानें आखिर अब क्यों छिड़ी हैं 5G पर तकरार
5G स्पेक्ट्रम की नीलामी पर अपनी सिफारिशें तैयार करने से पहले ट्राई ने टेलीकॉम कंपनियों से उनकी राय मांगी थी. इस पर देश की तीनों प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों रिलायंस जियो, भारती एयरेटल और वोडाफोन आइडिया एकमत नहीं हैं. रिलायंस जियो चाहती है कि सभी बैंड में 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी होनी चाहिए.
जबकि एयरटेल और Vodafone Idea केवल 526-617 मेगाहर्ट्ज बैंड में ही नीलामी की मांग कर रहे हैं. उन्हें लगता है कि इसका ईकोसिस्टम अभी देश में नहीं है. ई-बैंड स्पेक्ट्रम को एक्सेस एयरवेव्स के साथ जोड़ने पर भी इन कंपनियों की राय अलग-अलग है.
मिलीमीटर वेव बैंड के मुद्दे पर, Jio और Vodafone Idea एकमत हैं, जबकि एयरटेल सैटेलाइट प्लेयर्स के साथ है. ऐसे ही दूसरे कई और मसले हैं जिन्हें लेकर टेलीकॉम ऑपरेटर्स एक-दूसरे से उलझे हुए हैं. कंपनियों के बीच जबतक उलझे हुए तार पूरी तरह सुलझ नहीं जाते, तबतक 5जी नेटवर्क की रेंज में आना मुश्किल है.
भारत की GDP में इंटरनेट की अहम भूमिका है. शायद इसलिए सरकार जल्द से जल्द देश में 5G सर्विस को शुरू करना चाहती है. इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकोनॉमिक रिलेशन यानी ICRIER और ब्रॉडबैंड इंडिया फोरम के मुताबिक 2020 में भारत की GDP में इंटरनेट इकोनॉमी का योगदान 16 फीसदी बढ़कर 537 अरब डॉलर हो गया, और इसके 2030 तक एक अरब डॉलर का होने का अनुमान है.
वर्ल्ड बैंक के मुताबिक ब्रॉडबैंड कवरेज में 10 फीसदी की वृद्धि होने से भारत जैसे विकसित देशों में जीडीपी ग्रोथ में 1.38 फीसदी का इजाफा होता है. मैकेन्जी एंड कंपनी के मुताबिक ब्रॉडबैंड होम पेनीट्रेशन में 10 फीसदी इजाफा होने से किसी देश की जीडीपी 0.1 फीसदी से 1.4 फीसदी तक बढ़ जाती है. अब आप समझ ही गए होंगे कि 5जी जितना जल्दी आएगा, उससे सरकार को भी जीडीपी का आकार बढ़ाने में मदद मिलेगी.