लगातार 23वें दिन पेट्रोल-डीजल के रेट में कोई बदलाव नहीं, सरकार ने संसद में दी जानकारी
पेट्रोल और डीजल (Petrol-Diesel) पर केंद्र सरकार का टैक्स कलेक्शन पिछले छह साल में 300 फीसदी से ज्यादा हो गया
घरेलू तेल कंपनियों ने लगातार 23वें दिन पेट्रोल-डीजल के रेट में कोई बदलाव नहीं किया है, लेकिन सरकार ने तेल से मोटी कमाई कर ली है. पेट्रोल और डीजल (Petrol-Diesel) पर केंद्र सरकार का टैक्स कलेक्शन पिछले छह साल में 300 फीसदी से ज्यादा हो गया. सरकार ने सोमवार को लोकसभा में यह जानकारी दी. वित्त राज्य मंत्री (Minister of State) अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि केंद्र सरकार ने मोदी सरकार के आने के पहले साल में 2014-15 के दौरान पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी शुल्क से 29,279 करोड़ रुपए और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी से 42,881 करोड़ रुपए अर्जित किए. उन्होंने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष 2020-21 के पहले 10 महीने के दौरान पेट्रोल और डीजल पर टैक्स कलेक्शन बढ़कर 2.94 लाख करोड़ रुपए हो गया.
रेवेन्यू कलेक्शन बढ़कर 12.2 फीसदी हुआ
वित्त राज्य मंत्री ने कहा, वित्त वर्ष 2014-15 में पेट्रोल, डीजल और गैस रेवेन्यू कलेक्शन 5.4 फीसदी था जो कि चालू वित्त वर्ष में यह बढ़कर 12.2 फीसदी पर पहुंच गया.
एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोतरी
2014 में पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 9.48 रुपए बढ़कर अब 32.90 रुपए प्रति लीटर हो गया. वहीं, डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 3.56 रुपए बढ़कर 31.80 रुपए प्रति लीटर हो गया. उन्होंने कहा, 14 मार्च 2020 को पेट्रोल और डीजल पर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी 3 रुपए प्रति लीटर बढ़ाया गया था. 6 मई 2020 को एक बार फिर से एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई गई थी. तब पेट्रोल पर 10 रुपए और डीजल 13 रुपए प्रति लीटर बढ़ाया गया था.
दिल्ली में पेट्रोल की मौजूदा रिटेल कीमत 91.17 रुपए का 60 फीसदी हिस्सा टैक्स है. एक्साइज ड्यूटी रिटेल प्राइस के 36 फीसदी के लिए बनाता है. वहीं, दिल्ली में रिटेल सेलिंग प्राइस 81.47 रुपए प्रति लीटर का 53 फीसदी से ज्यादा हिस्सा टैक्स का है. रिटेल प्राइस के 39 फीसदी में सेंट्रल एक्साइज शामिल है.
उन्होंने कहा, 14 मार्च 2020 को पेट्रोल और डीजल पर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी 3 रुपए प्रति लीटर बढ़ाया गया था. 6 मई 2020 को एक बार फिर से एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई गई थी. तब पेट्रोल पर 10 रुपए और डीजल 13 रुपए प्रति लीटर बढ़ाया गया था.
उपभोक्ताओं को हुआ नुकसान
कीमतों में इन बढ़ोतरी ने उस लाभ को छीन लिया जो उपभोक्ताओं को अंतर्राष्ट्रीय तेल की कीमतों में भारी गिरावट से मिलता था. एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोतरी सरकार द्वारा नवंबर 2014 और जनवरी 2016 के बीच टैक्स में बढ़ोतरी के समान है.
उन 15 महीनों में नौ किस्तों में पेट्रोल कीमत पर ड्यूटी 11.77 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 13.47 रुपए प्रति लीटर बढ़ गई. सरकार ने अक्टूबर 2017 में एक्साइज ड्यूटी में 2 रुपए प्रति लीटर की कटौती की थी और एक साल बाद 1.50 रुपए प्रति लीटर की कटौती की थी. लेकिन सरकार ने जुलाई 2019 में एक्साइज ड्यूटी 2 रुपए प्रति लीटर बढ़ा दिया.