27 नवंबर से बदल जायेगा इस बैंक का नाम, 20 लाख अकाउंट होल्डर्स और 4000 कर्मचारियों को भी राहत

मोदी कैबिनेट ने लक्ष्मी विलास बैंक का DBS Bank India Ltd. में विलय की मंजूरी दी।

Update: 2020-11-25 14:28 GMT

27 नवंबर से बदल जायेगा इस बैंक का नाम, 20 लाख अकाउंट होल्डर्स और 4000 कर्मचारियों को भी राहत

जनता से रिश्ता वेबडेस्क :  नई दिल्ली:  मोदी कैबिनेट ने लक्ष्मी विलास बैंक का DBS Bank India Ltd. में विलय की मंजूरी दी। इस फैसले के साथ ही अब बैंक पर लागू मोराटोरियम पीरियड 16 दिसंबर से घटकर 27 नवंबर तक रह गया। उसके बाद बैंक के ग्राहकों पर निकासी संबंधी कोई लिमिट नहीं रहेगी। साथ ही 27 नवंबर से लक्ष्मी विलास बैंक के सभी ब्रांच डीबीएस बैंक के नाम से ऑपरेट होंगे। यह जानकारी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने दी है।

20 लाख जमाकर्ताओं को राहत

आज कैबिनेट में लिए गए फैसलों को लेकर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस फैसले से जहां बैंक के 20 लाख जमाकर्ताओं को राहत मिलेगी, वहीं 4,000 कर्मचारियों की सेवाएं भी सुरक्षित रहेंगी। उन्होंने कहा कि लक्ष्मी विलास बैंक की की वित्तीय सेहत को खराब करने वाले लोगों को दंडित किया जाएगा।

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जावडेकर ने कहा कि 20 लाख ग्राहक और 20,000 करोड़ रुपये की जमा अब पूरी तरह सुरक्षित है। उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है। न ही भागदौड़ करने की जरूरत है। उनकी जमा सुरक्षित हाथों में है। हालांकि, डीबीआईएल की पूंजी की स्थिति काफी अच्छी है, लेकिन विलय के बाद अस्तित्व में आने वाली इकाई की ऋण की वृद्धि के लिए वह 2,500 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी शुरू में ही लाएगी।

17 नवंबर को मोराटोरियम की घोषणा हुई थी

इससे पहले सरकार ने 17 नवंबर को रिजर्व बैंक को संकट में फंसे लक्ष्मी विलास बैंक पर 30 दिन की 'रोक' की सलाह दी थी। साथ ही प्रत्येक जमाकर्ता 25,000 रुपये की निकासी की सीमा तय की गई थी। इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने कंपनी कानून, 2013 के तहत एलवीबी के डीबीआईएल में विलय की योजना का मसौदा भी सार्वजनिक किया था। केंद्रीय बैंक ने एलवीबी के बोर्ड को भंग कर दिया था और केनरा बैंक के पूर्व गैर-कार्यकारी चेयरमैन टी एन मनोहरन को 30 दिन के लिए बैंक का प्रशासक नियुक्त किया था।

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