नई दिल्ली: देश के ई-कॉमर्स बाजार में अभी Flipkart और Amazon का दबदबा है. इन प्लेटफॉर्म के छोटे दुकानदारों के साथ भेदभाव करने की कई शिकायतें मिलने के बाद अब सरकार ने एक नई तरह के ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म की शुरुआत की है. पायलट बेसिस पर शुरू की गई इस योजना को धीरे-धीरे सरकार देशभर में लागू करेगी...
सरकार ने जो नया ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म बनाया है, वो एक ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) है. ये बिलकुल डिजिटल पेमेंट के लिए तैयार किए गए UPI टाइप प्रोटोकॉल की तरह है. अभी इसे 5 शहरों में पायलट बेसिस पर शुरू किया गया है.
इस बारे में वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, ' यूपीआई के बाद, वाणिज्य क्षेत्र के लोकतांत्रिकरण का एक और गेम चेंजर आईडिया है ONDC.ये मंच ग्राहकों को सेलर और लॉजिस्टिक प्रोवाइडर्स चुनने की आजादी देगा. तो चॉइस, सुविधा और पारदर्शिता की नई दुनिया के लिए तैयार हो जाइए.'
वाणिज्य मंत्रालय के तहत काम करने वाले उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (DPIIT) में अतिरिक्त सचिव अनिल अग्रवाल ने जानकारी दी कि सरकार ने दिल्ली-एनसीआर, बेंगलुरू, कोयंबटूर, शिलॉन्ग और भोपाल में इस ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म को पायलट बेसिस पर शुरू किया है. इन 5 शहरों के करीब 150 रिटेलर्स अभी ONDC से जुड़े हैं. अभी हम देखना चाहते हैं कि ये काम कैसा कर रहा है, जब आप सही में पेमेंट,ऑर्डर, ऑर्डर कैंसल और डिलीवरी कर रहे हैं. हमारे पास अच्छी खासी संख्या में रिटेलर्स और टेडर्स हैं. इन्हें प्लेटफॉर्म के साथ इंटीग्रेट किया जा रहा है. वहीं कई लॉजिस्टिक पार्टनर्स को भी इससे जोड़ा जा रहा है.
सरकार को अपना ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म बनाने का ख्याल कोरोना महामारी के दौरान आया. इस पर दिसंबर 2021में काम शुरू हुआ. उस दौरान सरकार को कई लोगों तक आवश्यक वस्तुएं पहुंचाने में दिक्कत आ रही थी, इसी से सरकार को इस तरह का ओपन ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म बनाने का विचार आया. इससे देश में उन करोड़ों छोटे दुकानदारों को लाभ होगा, जो अभी तक ई-कॉमर्स इकोसिस्टम का हिस्सा नहीं बन पाए हैं.
ONDC, असल में एक तरह की ओपन रजिस्ट्री होगी. छोटे से छोटा दुकानदार अपने आप को इस पर रजिस्टर करा सकेगा. ये ई-कॉमर्स सेगमेंट में मानकीकरण लाने वाला होगा. इसका फायदा ये होगा कि किसी रिटेलर को ऑनलाइन मार्केट में सामान बेचने के लिए खुद के अलग-अलग ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर रजिस्टर नहीं कराना होगा. ऐसे में अगर किसी ग्राहक को कुछ खरीदना होगा, तो वो अपने इलाके में इस ओपन रजिस्ट्री पर रजिस्टर रिटेलर को पहले चेक कर सकेगा. इतना ही नहीं ग्राहक को एक और फायदा ये होगा कि वह अपने ऑर्डर को अलग-अलग करके मंगा सकेगा, खुद से डिलीवरी के ऑप्शन को चुन सकेगा.