रूस का भारत को निवेश बढ़ाने का ऑफऱ

यूक्रेन पर हमले (Russia Ukraine Crisis) के बाद अमेरिका और यूरोप के प्रतिबंधों का सामना कर रहा रूस इस नुकसान की भरपाई के लिये भारत से मदद की उम्मीद कर रहा है.

Update: 2022-03-12 12:49 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |  यूक्रेन पर हमले (Russia Ukraine Crisis) के बाद अमेरिका और यूरोप के प्रतिबंधों का सामना कर रहा रूस इस नुकसान की भरपाई के लिये भारत से मदद की उम्मीद कर रहा है. भारत ने अब तक रूस के खिलाफ किसी भी कदम से दूरी बनाए रखी है. और न ही किसी प्रतिबंध का समर्थन किया है. इसे देखते हुए रूस अब इस मुश्किल से बाहर निकलने के लिये भारत से उम्मीदें लगा रहा. रूस की सरकार ने भारत से कहा है कि वो रूस मे तेल और गैस सेक्टर (oil and gas sector) में अपना निवेश बढ़ाये. इसके साथ ही रूस ने भारत से तेल (Crude Oil) खरीद बढ़ाने का भी आग्रह किया है. इससे पहले रूस की तेल कंपनियां भारत को काफी डिस्काउंट के साथ तेल भी ऑफर कर चुकी हैं. हालांकि भारत ने अभी तक इन प्रस्तावों पर कोई जवाब नहीं दिया है.

क्या है रूस का ऑफर
भारत में रूस के दूतावास के द्वारा जारी एक बयान के अनुसार रूस के उप प्रधानमंत्री अलेक्जेंडर नोवाक ने कहा कि रूस से भारत को होने वाले तेल और गैस का एक्सपोर्ट 1 अरब डॉलर के करीब पहुंच गया है. और इस आंकड़ों को और आगे बढाया जा सकता है.इसके साथ ही नोवाक ने भारत के पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी से कहा कि रूस चाहता है कि उसके तेल और गैस क्षेत्र में भारत का निवेश बढ़े और भारत रूस की कंपनियां का सेल्स नेटवर्क का विस्तार भारत में हो.भारत और रूस के बीच तेल और गैस सेक्टर में कई समझौते हैं. भारत की सरकारी तेल कंपनियों की रूस के तेल और गैस सेक्टर में हिस्सेदारी है. रूस की रोसनेफ्ट की भारत की एक रिफायनरी में बड़ी हिस्सेदारी है. कई भारतीय कंपनियां रूस से कच्चे तेल की खरीद करती हैं. रूस दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कच्चे तेल का निर्यातक है. हालांकि अमेरिका और यूरोप ने रूस से तेल खरीद पर प्रतिबंध लगा दिये हैं. जिसके बाद रूस अब अन्य देशों के जरिये इसकी भरपाई करने की कोशिश कर रहा है जिसमें सबसे प्रमुख भारत है.
रूस पर लगे कड़े प्रतिबंध
रूस पर अमेरिका और यूरोप के देशों ने कई प्रतिबंध लगाएं हैं इन प्रतिबंधों की संख्या 5 हजार से ज्यादा है. इसमें से 27 सौ के करीब प्रतिबंध युद्ध से पहले ही लगे हुए थे. इसमें सबसे अहम प्रतिबंध रूस को swift बैंकिंग सिस्टम से बाहर करना और तेल गैस पर प्रतिबंध है. इसका उद्देश्य रूस की अर्थव्यवस्था को तबाह करना है. हालांकि इन कदमों का प्रभाव पूरी दुनिया में देखने को मिल रहा है, कच्चा तेल नये रिकॉर्ड स्तरों पर है, जिससे भारत जैसे देशों पर आर्थिक दबाव काफी बढ़ चुका है.


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