सरकार की ओर से डायर्वजन और बिक्री के दिशा निर्देश की समीक्षा, ऐेसे तय होता है चीनी का कोटा

पेट्रोल में 10 प्रतिशत इथेनॉल ब्लेंडिंग (ethanol-blending) का टारगेट पूरा करने के लिए सरकार की ओर से चीनी मिलों को राहत दी जा सकती है.

Update: 2021-10-20 12:16 GMT

पेट्रोल में 10 प्रतिशत इथेनॉल ब्लेंडिंग (ethanol-blending) का टारगेट पूरा करने के लिए सरकार की ओर से चीनी मिलों को राहत दी जा सकती है. दरअसल, 2021-22 में सरकार की ओर से जहां 10 प्रतिशत ब्लेंडिंग का लक्ष्य रखा गया है. वहीं, लक्ष्य को पूरा करने के लिए चीनी मिलों को राहत संभव है. इसके अलावा सरकार की ओर से डायर्वजन और बिक्री के दिशा निर्देश की समीक्षा भी की जा रही है. जिसको लेकर चीनी मिलों के लिए गाइडलाइंस को आसान बनाया जा सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी मिलों को पर्यावरण नियमों में छूट भी दी जा सकती है. इसके अलावा कोटा और बढ़ने का प्रस्ताव में दिया जा रहा है.

ऐेसे तय होता है चीनी का कोटा
चीनी का कोटा उनके पास मौजूद स्टॉक, निर्यात के प्रदर्शन और चीनी के इथेनॉल में बदलने के आधार पर तय किया जाता है. दरअसल, पेट्रोल को सस्ता करने के एक उपाय के तौर पर पेट्रोल में इथेनॉल को मिलाने का ऑप्शन सुझाया गया था. इसके अलावा इसे चीनी मिलों की ओर से गन्ना किसानों को समय रहते भुगतान न करने की प्रॉब्लम को खत्म करने में इफेक्टिव बताया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2025 तक पेट्रोल में 20 फीसदी तक इथेनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य है. लेकिन फिलहाल तो पेट्रोल में 10 फीसदी ही, इथेनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य पूरा करने के लिए सरकार चीनी मिलों को राहत दे सकती है.
10 प्रतिशत ब्लेंडिंग का लक्ष्य
दरअसल, 100 किलो गन्ने को पेरने से 60 लीटर तक इथेनॉल मिलता है. इसी तरह एक टन गन्ने से चीनी मिलें 115 किलो चीनी और 45 किलो शीरा के प्रोडक्शन करती है. जिससे 10.8 लीटर इथेनॉल मिलता है. क्योंकि, भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक है. ऐसे में वह खाड़ी समेत तेल के निर्यात करने वाले देशों पर अपनी निर्भरता को कम करने के लिए, सरकार इसको लेकर कोशिश कर रही है.
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