अगर आपने भी होम लोन या किसी अन्य तरह का लोन लिया है तो यह खबर आपको खुश कर देगी. जी हां, रिजर्व बैंक की ओर से बैंकों और एनबीएफसी के लिए एक नया नियम बनाया गया है।
इस संबंध में आरबीआई ने एक अधिसूचना भी जारी की है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों (NBFC) से कहा है कि वे ब्याज दरों को रीसेट करते समय ऋण लेने वाले ग्राहकों को एक निश्चित ब्याज दर चुनने का विकल्प प्रदान करें।
कार्यकाल विस्तार पर तुरंत दी जाए जानकारी:
केंद्रीय बैंक की ओर से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया कि ऐसा देखा गया है कि ब्याज दर बढ़ने पर लोन की अवधि या ईएमआई बढ़ा दी जाती है. इतना ही नहीं, ग्राहकों को इस बारे में जानकारी भी नहीं दी जाती और न ही उनकी सहमति ली जाती है. ग्राहकों की इसी चिंता को दूर करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने एक नीतिगत ढांचा बनाने को कहा है.
भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा, ‘ऋण मंजूरी के समय बैंकों को अपने ग्राहकों को स्पष्ट रूप से बताना चाहिए कि मानक ब्याज दर में बदलाव की स्थिति में ईएमआई या ऋण अवधि पर क्या प्रभाव पड़ सकता है। ईएमआई या ऋण अवधि में किसी भी वृद्धि की सूचना ग्राहक को तुरंत दी जानी चाहिए।
निश्चित ब्याज दर चुनने का विकल्प दें:
केंद्रीय बैंक ने कहा कि बैंकों को नए सिरे से ब्याज दरें तय करते समय ग्राहकों को एक निश्चित ब्याज दर चुनने का विकल्प देना चाहिए. इसके अलावा ग्राहकों को यह भी बताया जाना चाहिए कि लोन की अवधि के दौरान उन्हें कितनी बार इस विकल्प को चुनने का मौका मिलेगा। इसके साथ ही लोन लेने वालों को ईएमआई या लोन अवधि या दोनों बढ़ाने का विकल्प दिया जाना चाहिए।
नोटिफिकेशन में कहा गया था कि ग्राहकों को समय से पहले पूरा या आंशिक लोन चुकाने की इजाजत दी जानी चाहिए. यह सुविधा उन्हें ऋण की अवधि के दौरान किसी भी समय उपलब्ध होनी चाहिए।
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते पेश मौद्रिक नीति समीक्षा (एमपीसी) में आरबीआई ने कर्जदारों को फ्लोटिंग ब्याज दर से एक निश्चित ब्याज दर चुनने की इजाजत देने की बात कही थी.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि इसके लिए नया ढांचा तैयार किया जा रहा है. इसके तहत बैंकों को लोन लेने वाले ग्राहकों को लोन की अवधि और मासिक किस्त (ईएमआई) के बारे में स्पष्ट जानकारी देनी होगी।