महंगाई की चौतरफा मार! लोन की ईएमआई एक बार और महंगी होगी?

Update: 2022-06-04 13:20 GMT

नई दिल्ली: देश में महंगाई अपने चरम पर है. सरकार अपने स्तर पर इसे नीचे लाने की कई कोशिशें कर रही है. इस बीच भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक भी अगले हफ्ते होनी है. ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि आरबीआई एक बार फिर नीतिगत ब्याज दरों को बढ़ा सकता है. इसका असर ये होगा कि लोन की ईएमआई एक बार और महंगी हो सकती है.

मौद्रिक नीति समिति की बैठक 6 से 9 जून को होनी है. पिछली बार अप्रैल में हुई बैठक में एमपीसी ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया था, लेकिन मई की शुरुआत में एमपीसी की आपातकालीन बैठक बुलाकर RBI ने ब्याज दरों में 0.40% की बढ़ोतरी कर दी थी. पीटीआई ने ब्रोकरेज एजेंसी बोफा सिक्योरिटीज के हवाले से खबर दी है कि इस बार भी आरबीआई रेपो दर में 0.40% की बढ़ोतरी कर सकती है.
बोफा सिक्योरिटीज का कहना है कि टमाटर की कीमतों के चलते मई में फिर से महंगाई बढ़ी है. मुख्य महंगाई दर 7.1% पर पहुंच गई है. ऐसे में आरबीआई का ब्याज दर बढ़ाना लगभग तय ही है. हालांकि सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर टैक्स में कटौती करने, क्रूड सोयाबीन और सनफ्लॉवर ऑयल के आयात को शुल्क मुक्त करने और विमान के ईंधन (ATF) की कीमत नीचे लाने के कई उपाय किए हैं.
खबर में जानकारी दी गई है कि आने वाले महीनों में आरबीआई अगस्त में एक बार फिर ब्याज दरों को 0.35% से 0.50% और बढ़ा सकता है. अगर रेपो रेट में इसी तरह और बढ़ोतरी होती रही, तो आने वाले दिनों में आम आदमी के लिए लोन की ईएमआई का बोझ और बढ़ने की संभावना है. रिपोर्ट में महंगाई बढ़ने का भी अंदेशा जताया गया है. इसमें कहा गया है कि वित्त वर्ष 2022-23 में खुदरा महंगाई दर औसतन 6.8% पर रह सकती है, जो आरबीआई के 2 से 6 प्रतिशत के लक्ष्य से काफी ऊपर है. अगर महंगाई दर ऊंची बनी रहती है तो आरबीआई चालू वित्त वर्ष में ब्याज दरों को 5.65% तक ले जा सकता है. अभी रेपो रेट 4.40% पर है.

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