नई दिल्ली: भारत सरकार ने काले धन (Black Money) पर लगाम लगाने के लिए नवंबर 2016 में नोटबंदी (Demonetisation) की थी. तब बताया गया था कि यह उपाय काले धन पर रोक लगाने में कारगर साबित होगी. हालांकि आंकड़ों पर गौर करें तो नोटबंदी इस मामले में बेअसर साबित हुई है. काले धन के लिए स्वर्ग माने जाने वाले स्विट्जरलैंड के बैंकों (Swiss Banks) में भारतीयों का डिपॉजिट पिछले साल रिकॉर्ड तेजी से बढ़ा और 14 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गया. स्विट्जरलैंड के सेंट्रल बैंक (Switzerland's Central Bank) की सालाना रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक खबर के अनुसार, स्विट्जरलैंड के सेंट्रल बैंक ने गुरुवार को सालाना रिपोर्ट जारी की. रिपोर्ट में बताया गया कि साल 2021 में स्विस बैंकों में भारतीय नागरिकों और कंपनियों का डिपॉजिट बढ़कर 3.83 बिलियन स्विस फ्रैंक (Swiss Franc) यानी 30,500 करोड़ रुपये (INR) से भी ज्यादा हो गया. यह इससे एक साल पहले यानी 2020 के अंत में महज 2.55 बिलियन स्विस फ्रैंक यानी करीब 20,700 करोड़ रुपये था. इसका मतलब हुआ कि पिछले साल स्विस बैंकों में भारतीयों का पैसा करीब 50 फीसदी बढ़ गया.
आंकड़ों के अनुसार, स्विस बैंकों में भारतीय लोगों के सेविंग (Saving Account) और डिपॉजिट अकाउंट (Deposit Account) में जमा राशि करीब 4,800 करोड़ रुपये पर पहुंच गई. यह सात साल का सबसे उच्च स्तर है. लगातार दो साल इसमें गिरावट आने के बाद 2021 में तेजी देखने को मिली है. भारतीय लोग और कंपनियां कई माध्यमों से स्विस बैंकों में पैसे जमा करते हैं. इनमें कस्टमर डिपॉजिट (Customer Deposit), बैंक (Bank), ट्रस्ट (Trust), सिक्योरिटी (Security) जैसे माध्यम प्रमुख हैं.
स्विट्जरलैंड के सेंट्रल बैंक ने बताया कि भारतीय लोग स्विस बैंकों में सबसे ज्यादा बॉन्ड, सिक्योरिटी व अन्य फाइनेंशियल सॉल्यूशन्स के जरिए पैसे जमा कराते हैं. इन तरीकों से स्विस बैंकों में भारतीयों का जमा बढ़कर 2,002 मिलियन स्विस फ्रैंक हो गया है, जो 2020 के अंत में 1,665 मिलियन स्विस फ्रैंक था. इससे पहले साल 2006 में स्विस बैंकों में भारतीयों का पैसा पीक पर था और तब इसका आंकड़ा करीब 6.5 बिलियन स्विस फ्रैंक था. उसके बाद ज्यादातर सालों में इसमें गिरावट ही आई. बैंक के अनुसार, साल 2011, 2013, 2017, 2020 और 2021 ही ऐसे रहे हैं, जब स्विस बैंकों में भारतीयों का डिपॉजिट बढ़ा है.