चीन में नाइक, एडीडास और H&M जैसे बड़े ब्रांड्स को झेलना पड़ रहा नुकसान, जानें क्या है सारा मामला
चीन में इस समय बड़े और मशहूर ब्रांड्स नाइक, एडीडास और एच एंड एम को लोगों का गुस्सा झेलना पड़ रहा है
चीन में इस समय बड़े और मशहूर ब्रांड्स नाइक, एडीडास और एच एंड एम को लोगों का गुस्सा झेलना पड़ रहा है. सोशल मीडिया पर तो लोग अपनी नाराजगी जाहिर कर ही रहें हैं, साथ में अब इन ब्रांड्स के कपड़े भी जलाए जा रहे हैं. आखिर क्यों चीन में अचानक इन ब्रांड्स के लिए मुश्किल भरे दिनों की शुरुआत हो गई है. दरअसल इस पूरे विरोध का कनेक्शन चीन के उसी शिनजियांग प्रांत से है जो अक्सर उइगर मुसलमानों की वजह से अंतरराष्ट्रीय समुदाय की आलोचना का शिकार होता आया है. जानिए क्या है यह सारा विवाद और अब इस विवाद के बाद इन ब्रांड्स का भविष्य क्या होने वाला है.
क्या है सारा मामला
इस सारे फसाद की जड़ एच एंड एम की तरफ से उठाई गई एक आपत्ति से हुई. स्वीडिश ब्रांड एच एंड एम ने शिनजियांग प्रांत में मजदूरों की हालत को लेकर चिंता जताई थी. फैशन वियर बनाने वाली कंपनी एच एंड एम ने एक बयान जारी कर जबरन मजदूरी पर बयान दिया था. कंपनी की तरफ से कहा गया था कि वो उन रिपोर्ट्स को लेकर खासी परेशान है जिसमें शिनजियांग प्रांत में जबरन मजदूरी के आरोप लगाए गए हैं. एच एंड एम की तरफ से यह भी कहा गया कि वो अब शिनजियांग से कॉटन नहीं खरीदेगी.
एक साल पुराना बयान
दिलचस्प बात है कि एच एंड एम को जिस बयान के लिए विरोध झेलना पड़ रहा है, वो एक साल पुराना है. अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि अचानक एक साल पुराना बयान कैसे जनता की नजरों में लाया गया. लेकिन यह बयान ऐसे समय में आया है जब पश्चिमी देशों के साथ चीन की दुश्मनी लगातार बढ़ती जा रही है. जो बयान सामने आया है उसके पीछे कम्युनिस्ट यूथ लीग का हाथ बताया जा रहा है. कहा जा रहा है कि सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी की शाखा यूथ लीग ने स्वीडिश ब्रांड के एक साल पुराने बयान को सार्वजनिक किया है.
H&M को हुआ बड़ा नुकसान
एच एंड एम की तरफ से यह बयान तब आया था जब वकीलों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने 60 पन्नों वाला एक रिसर्च डॉक्यूमेंट अथॉरिटीज के साथ शेयर किया था. इन डॉक्यूमेंट्स में शिनजियांग में जबरन मजूदरी के विश्वसनीय सुबूत होने की बात कही गई थी. चीन के अधिकारी ने इस बात से साफ इनकार कर दिया है. उनका कहना है कि आज भी शिनजियांग में 40 प्रतिशत कॉटन मशीनों की मदद से तैयार होता है. एच एंड एम को अपने बयान की वजह से खासा आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा है. अलीबाबा जैसी साइट्स ने एचएंडएम को हटा दिया है.
नाइक और एडीडास पर भी मुश्किल
एच एंड एम के बयान के बाद वजह से नाइक और एडीडास जैसे कंपनियों पर भी आफत आ गई है. स्पोर्ट्स वियर बनाने वाली इन कंपनियों का मार्केट तेजी से चीन में बढ़ रहा है. नाइक और एडीडास ने एच एंड एम का समर्थन किया है. इसकी वजह से अब उन्हें भी गुस्से का शिकार होना पड़ रहा है. चीनी सोशल मीडिया यूजर्स उन तमाम विदेशी ब्रांड्स का विरोध करने के लिए कह रहे हैं जो शिनजियांग पर गलत बयान देकर चीन का नाम खराब करने की कोशिश कर रहे हैं.
शिनजियांग से आता सबसे ज्यादा कॉटन
इस समय दुनिया में जो भी कॉटन कपड़ा बिकता है, उनमें हर 5 में से 1 कपड़ा वो होता है जिसमें शिनजियांग के कॉटन का प्रयोग होता है. इस जगह पर 10 लाख उइगर, कजाख और दूसरे मुसलमान अल्पसंख्यक रहते हैं. कहा जाता है कि इन मजदूरों को कम्युनिस्ट पार्टी का हर आदेश मानना पड़ता है. इसके बाद इन्हें मॉडल वर्कर्स के तौर पर समझा जाता है जो किसी भी बात को न नहीं कह सकते हैं.
यूजर्स बोले-देश से बाहर जाओ
इससे पहले चीन ने शिनजियांग में अपने अधिकारियों की तरफ से होने वाले मानवाधिकार उल्लंघन की बात से सरासर इनकार कर दिया था. अमेरिका, यूरोपियन यूनियन, ब्रिटेन और कनाडा की तरफ से चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंध भी लगा दिए गए हैं. चीन के सोशल मीडिया यूजर्स ने कहा है कि वो अब नाइक से कुछ नहीं खरीदेंगे और लोकल ब्रांड्स जैसे ली निंग और अंता को तरजीह देंगे. जबकि कई यूजर्स ने एडीडास को उनके देश से बाहर चले जाने के लिए कहा है. नाइक और एडीडास के शेयर्स भी तेजी से गिर रहे हैं.