मुंबई: भारतीय शेयर बाजार में मंगलवार के कारोबारी सत्र में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। दोपहर 1:40 पर सेंसेक्स 707 अंक या 0.89 प्रतिशत और निफ्टी 216 अंक या 0.86 प्रतिशत की गिरावट के साथ 23,939 पर था।
लार्जकैप के साथ छोटे और मझोले शेयरों में भी गिरावट देखी जा रही है। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 123 अंक या 0.68 प्रतिशत की गिरावट के साथ 18,101 और निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 356 अंक या 0.64 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 55,497 पर था। आईटी और रियल्टी को छोड़कर बाकी सभी सेक्टरों में बिकवाली देखी जा रही है। ऑटो, पीएसयू बैंक, फिन सर्विस, एफएमसीजी, मेटल, एनर्जी और प्राइवेट बैंक में सबसे ज्यादा गिरावट है।
बाजार का रुझान नकारात्मक बना हुआ है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर 1,750 शेयर लाल निशान में और 699 शेयर हरे निशान में थे। सेंसेक्स पैक में भारती एयरटेल, सन फार्मा, एचसीएल टेक, इन्फोसिस, रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाइटन और टीसीएस हरे निशान में थे। एचडीएफसी बैंक, एशियन पेंट्स, एनटीपीसी, टाटा मोटर्स, बजाज फाइनेंस, एसबीआई, मारुति सुजुकी, जेएसडब्ल्यू स्टील, पावर ग्रिड और एचयूएल टॉप लूजर्स थे।
बाजार में गिरावट की वजह कंपनियों द्वारा दूसरी तिमाही के कमजोर नतीजे पेश करना और विदेशी निवेशकों द्वारा लगातार की जा रही बिकवाली को माना जा रहा है। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की ओर से इस महीने की शुरुआत से अब तक 22,156 करोड़ रुपये की इक्विटी में बिकवाली की है। अक्टूबर में यह आंकड़ा 1,14,445 करोड़ रुपये पर था। वहीं, अमेरिकी शेयर बाजार बीते कारोबारी दिन हरे निशान पर बंद हुए थे। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 11 नवंबर को 2,306 करोड़ रुपये मूल्य की इक्विटी बेची, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने उसी दिन 2,026 करोड़ रुपये मूल्य की इक्विटी खरीदी।
वैश्विक स्तर पर अमेरिकी बाजार सोमवार को राष्ट्रपति-चुनाव डोनाल्ड ट्रम्प की प्रस्तावित राजकोषीय नीतियों से शेयरों को लाभ मिलने की उम्मीद रिकॉर्ड ऊंचाई पर बंद हुए। एशियाई बाजारों की बात करें तो जकार्ता को छोड़कर शंघाई, टोक्यो, सोल, बैंकॉक और हांगकांग के बाजार लाल निशान पर कारोबार कर रहे हैं।