सरकार ने शुरू की ये नई स्कीम, स्टार्टअप इंडिया सीड फंड योजना का किया ऐलान
सरकार ने सोमवार को स्टार्टअप इंडिया सीड फंड योजना का ऐलान किया
सरकार ने सोमवार को स्टार्टअप इंडिया सीड फंड योजना का ऐलान किया. इस फंड की घोषणा रेल और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने की. इस फंड का मकसद देश में नए-नए स्टार्टअप शुरू करने के लिए सरकार की तरफ से बिना किसी रुकावट फंडिंग देना है. इस फंड की सहायता से लोग अपना स्टार्टअप शुरू कर सकेंगे. स्टार्टअप शुरू कर नया प्रोटोटाइप बनाने, अपने प्रोडक्ट का ट्रायल करने, अपनी कंपनी बाजार में उतारने और उससे बिजनेसकरने में मदद मिलती है.
सीड फंड योजना की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 जनवरी, 2021 को स्टार्टअप इंडिया पहल के 5 वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में की थी. प्रधानमंत्री ने इसके लिए 'प्रारंभ: स्टार्टअप इंडिया इंटरनेशनल समिट' में इसका ऐलान किया था. पूरे देश में इस योजना के जरिये स्टार्टअप के लिए 945 रुपये दिए जाएंगे. यह राशि अगले 4 साल में वितरित की जाएगी. इस योजना को अमली जामा पहनाने के लिए 300 इनक्यूबेटर बनाए जाएंगे और देश के लगभग 3600 स्टार्टअप्स को मदद दी जाएगी. सरकार की तरफ से राशि वैसे स्टार्टअप्स के दी जाएगी जो इसके पात्र होंगे. सरकार ने इसके लिए कुछ मापदंड निश्चित किए हैं.
प्रधानमंत्री ने किया था ऐलान
इस योजना की शुरुआत तीन महीने के भीतर कर दी गई जब इसका ऐलान प्रधानमंत्री ने किया था. कोरोना में अर्थव्यवस्था की गड़बड़ स्थिति के बीच इसे शुरू किया गया है ताकि लोग इसकी मदद लेकर बिजनेस का माहौल मजबूत कर सकें. देश में स्टार्टअप को मजबूती देने के लिए इस कदम को सबसे कारगर माना जा रहा है क्योंकि लोगों के पास बिजनेस आइडिया बहुत हैं लेकिन पैसे की कमी के चलते उस पर काम नहीं हो पाता. इस फंडिंग की सहायता से नए-नए लोग स्टार्टअप की दुनिया में उतरेंगे.
इनोवेशन को मिलेगा बढ़ावा
इस फंड की सहायता से सरकार देश में स्टार्टअप क्रांति शुरू करने की तैयारी में है. इनोवेशन को बढ़ावा देने, आइडिया का समर्थन करने और उसे बिजनेस के लिए लागू करने में फंड का इस्तेमाल होगा. फंड का ज्यादातर इस्तेमाल देश के टू-टायर और थ्री टायर शहरों में ज्यादा होगा क्योंकि इन शहरों पर सरकार का खास ध्यान है. इन शहरों का विकास करना सरकार की प्राथमिकता में है. ऐसे शहरों के पास अपना संसाधन नहीं होता और बाकी के फंड से वंचित रह जाते हैं. साथ ही ग्रामीण क्षेत्र के इनोवेटर्स भी इस फंड की मदद से अपना व्यवसाय शुरू कर सकेंगे.
रोजगार देने पर ज्यादा ध्यान
इस दिशा में डीपीआईआईटी ने बहुत काम किया है और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए लगातार नए-नए विचार जारी करता है. सरकार का फोकस इस बात पर ज्यादा है कि लोग नौकरी पाने से ज्यादा नौकरी या रोजगार देने पर काम करें ताकि इससे ज्यादा लोगों को मदद मिल सके. रोजगार देने के लिए अपना कुछ काम शुरू करना होगा और यह तभी हो पाएगा जब सरकारी फंड आसानी से मुहैया हो सके. इस मांग को देखते हुए देश में स्टार्टअप का पूरा बेस तैयार किया जा रहा है.
कैसे कर सकेंगे अप्लाई
डीपीआईआईटी ने इसके लिए खास पोर्टल बनाया है जहां लोग स्टार्टअप फंड के लिए अप्लाई कर सकेंगे. फंड के लिए पहले इनक्यूबेटर को अप्लाई करने की इजाजत मिली है. स्टार्टअप इंडिया सीड फंड योजना को आगे बढ़ाने और इसे मॉनिटर करने के लिए डीपीआईआईटी ने एक विशेषज्ञ सलाहकार समिति (ईएसी) का गठन किया है. ईएसी पहले इनक्यूबेटर को चुनेगी जिसे 5 करोड़ रुपये तक की मदद राशि दी जाएगी.
चुने गए इनक्यूबेटरों को उनके स्टार्टअप्स की आइडिया बताने, उसका प्रोटोटाइप डेवलप करने या प्रॉडक्ट ट्रायल के आधार पर 20 लाख रुपये तक की राशि दी जाएगा. कोई कंपनी अपने दम पर बाजार में उतरती है, बिजनेस बढ़ाने के लिए डिबेंचर या लोन का सहारा लेती है, तो ऐसे स्टार्टअप्स के लिए सरकार 50 लाख रुपये देगी. इसके बारे में विस्तार से स्टार्टअप इंडिया पोर्टल www.startupindia.gov.in पर बताया गया है. इस फंड की मदद से देश के हर हिस्से में 300 इनक्यूबेटर को सक्षम बनाया जाएगा. भारत के छोटे शहरों में इस योजना का ज्यादा लाभ मिलेगा.