भारत की आम पब्लिक पर बड़ा असर: महंगा होगा 'खाने का तेल', बिगड़ सकता है लोगों का बजट
नई दिल्ली: पिछले डेढ़ साल से सरसों तेल (Mustard Oil Price), रिफाइंड ऑयल (Refined Oil Price) और अन्य एडिबल ऑयल की कीमतों (Edible Oil Price) में काफी अधिक तेजी देखने को मिली है. सरकार इन तेलों की कीमतों में काबू करने के लिए कई तरह के कदम लगातार उठाती रही है. लेकिन अब रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई से तेल की कीमतों में और उछाल देखने को मिल सकता है. आइए जानते हैं कि इसकी मुख्य वजह क्या है:
रूस-यूक्रेन की लड़ाई आगे बढ़ने के साथ ही भारत में क्रूड एडिबल ऑयल की सप्लाई पर असर देखने को मिल सकता है. भारत अपनी खाद्य तेल की 70 फीसदी जरूरत इम्पोर्ट के जरिए पूरी करता है. सनफ्लावर ऑयल के मामले में यह और भी अधिक है. रूस-यूक्रेन का इलाका इस सेग्मेंट के लिए और भी अहम है. ऐसे में अगर दोनों देश अगले 7-10 दिन में लड़ाई खत्म नहीं करते हैं तो खाद्य तेल की सप्लाई पर असर देखने को मिलेगा और इससे कीमत बढ़ जाएंगे.
देश की सबसे बड़ी एडिबल ऑयल कंपनी Adani Wilmar के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर और मैनेजिंग डायरेक्टर अंगशु मलिक ने कहा कि वे लोग स्थिति पर करीबी निगाह रख रहे हैं.
मलिक ने कहा, "रूस और यूक्रेन सनफ्लावर ऑयल की 90 फीसदी जरूरतों को पूरा करते हैं. सभी तेलों में सनफ्लावर ऑयल पर हमारी निर्भरता करीब 15 फीसदी के आसपास है. अगर 7-10 दिन में स्थिति सामान्य हो जाती है तो चीजें नॉर्मल रहेंगी क्योंकि ऑयल इम्पोर्ट्स के पास 45 दिन का स्टॉक है. लेकिन संकट और पांच-दस दिन जारी रहता है और ऑयल फैक्ट्रीज बंद रहती हैं और कोई जहाज उपलब्ध नहीं रहता है तो फिर थोड़ी किल्लत पैदा हो जाएगी और अप्रैल में उसका असर देखने को मिल सकता है."
Saffola ब्रांड नाम से खाद्य तेल बेचने वाली Marico Ltd कीमतों में तेजी को काबू में रखने के लिए लागत को कम करने के उपायों में लग गई है. कंपनी के एमडी और सीईओ सौगत गुप्ता ने कहा है कि उभरते जियो-पॉलिटिकल परिस्थितियों की वजह से क्रूड ऑयल और अन्य कमोडिटीज के भाव आसमान छू सकते हैं. इसका कैसकेडिंग प्रभाव कच्चे माल और पैकेजिंग मेटेरियल्स पर देखने को मिल सकता है.
रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई शुरू होने से काफी पहले से भारत में एडिबल ऑयल की कीमतें लोगों का बजट बिगाड़ रही हैं. अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड एडिबल ऑयल की कीमतों में बार-बार उछाल, ढुलाई का खर्च बढ़ने से एडिबल ऑयल के दाम में 50-80 फीसदी का उछाल आ चुका है. अकेले दिसंबर में एडिबल ऑयल के दाम में 30 फीसदी की तेजी आई थी.