डॉ. सुभाष चंद्रा ने कहा- 'ZEEL से नहीं Invesco से करो सवाल', किसका मोहरा है इन्वेस्को?

ज़ी एंटरटेनमेंट के साथ सोनी पिक्चर्स के मर्जर के एलान का इंडस्ट्री ने स्वागत किया.

Update: 2021-10-06 04:22 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ज़ी एंटरटेनमेंट (ZEEL) के साथ सोनी पिक्चर्स (SPNI) के मर्जर के एलान का इंडस्ट्री ने स्वागत किया. शेयर बाजार भी खुश हुआ. शेयरहोल्डर में भी भरोसा है. लेकिन, इनवेस्को अब भी ज़ी एंटरटेनमेंट के बोर्ड को बदलने की जिद पर अड़ा है. इस मामले में कुछ मीडिया संस्थान उल्टा Zee से सवाल कर रहे हैं. उनका मानना है कि ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइसेज को सवालों के जवाब देने चाहिए. लेकिन, ऐसी खबरें बेबुनियाद हैं. क्योंकि, ZEEL ने SONY के साथ डील करके शेयरधारकों के सामने अपना प्लान पेश कर दिया है. इंडस्ट्री के सामने भी क्लैरिटी है. वहीं, इन्वेस्को की मंशा पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. उसके पीछे किसका हाथ है? इस सवाल से इन्वेस्को भाग क्यों रहा है?

डील में अड़ंगा क्यों लगा रहा है इन्वेस्को?
ज़ी एंटरटेनमेंट के मामले में इन्वेस्को खुद सवालों के घेरे में फंसता दिख रहा है. क्योंकि, इन्वेस्को के पास इसका कोई जवाब नहीं है कि आखिर वो किसके इशारे पर काम कर रहा है? आखिर अच्छी भली डील में अड़ंगा लगाने की कोशिश क्यों की जा रही है? आखिर इन्वेस्को किसका मोहरा बनकर निवेशकों को गुमराह कर रहा है? ऐसे ढेरों सवाल हैं जो इन्वेस्को को लेकर उठ रहे हैं. इन्वेस्को ने पूरे मामले में पारदर्शिता रखी ही नहीं है. ZEEL-SONY मर्जर के बाद बनने वाली कंपनी में भी पुनीत गोयनका MD-CEO होंगे. ये भरोसा सोनी पिक्सचर्स नेटवर्क इंडिया ने भी जताया है. लेकिन, इन्वेस्को को ये बात क्यों खटक रही है? इन्वेस्को मैनेजमेंट में किसे रखेगी ये क्यों नहीं बताती?
ठोस बोर्ड नहीं तो क्यों बदलाव चाहता है इन्वेस्को?
इनवेस्को के पास न ठोस बोर्ड का प्रस्ताव है और न ही एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री से जुड़े कामकाज का तजुर्बा. सवाल ये है कि फिर इनवेस्को की मंशा क्या है? एक तरफ ज़ी एंटरटेनमेंट के मौजूदा बोर्ड में अलग-अलग सेक्टर के अनुभवी और जाने माने नाम शामिल हैं. वहीं, दूसरी तरफ इनवेस्को के बोर्ड में ऐसा कोई नाम नहीं है, जिसके पास मीडिया और एंटरटेनमेंट सेक्टर का कोई बड़ा अनुभव है. तो किस आधार पर इनका नाम रखा गया है? इन्वेस्को को पारदर्शिता के साथ सामने आना चाहिए.
सुभाष चंद्रा के इन्वेस्को से सवाल
ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइसेज लिमिटेड के फाउंडर डॉ. सुभाष चंद्रा (Dr. Subhash Chandra - Founder, Zee Entertainment Enterprises Limited) ने इस मामले पर एक वीडियो बयान जारी किया है. उन्होंने कहा- "ZEEL के बारे में जो भी सवाल हैं उस पर इतना ही कहना जरूरी है कि चाहे इस कंपनी को पुनीत गोयनका चलाएं, चाहे कोई और चलाए. कोई ऐसा व्यक्ति होना चाहिए, जो इसे आगे बढ़ा सके और शेयरधारकों को भी इसका फायदा मिले. पिछले करीब 30 साल में मैंने इस कंपनी को खून-पसीने से सींचा है. क्योंकि, आज मुझे इससे कोई फायदा होगा, न नुकसान होगा. ये इंटरव्यू मैं CNBC, मनी कंट्रोल के साथियों को भी देना चाहता था. लेकिन, वो लेंगे नहीं और चलाएंगे भी नहीं. क्योंकि, उनका भी इसमें कोई निजी फायदा दिखाई पड़ता है."
ZEEL मामले में ट्रांसपेरेंट क्यों नहीं है इन्वेस्को
सुभाष चंद्रा ने कहा "इन्वेस्को बड़े अच्छे इन्वेस्टर हैं. लेकिन, ZEEL के मामले में वो ट्रांसपेरेंटली ये नहीं बता रहे हैं, इसको लेकर वो करेंगे क्या. मैनेजमेंट किसके हाथ में देंगे. पुनीत गोयनका को हटाना चाहते हैं तो हटा दें लेकिन, मैनेजमेंट किसके हाथ में देंगे वो बताते क्यों नहीं. क्या इन्वेस्को ने किसी से डील कर रखी है. बोर्ड में 6 डायरेक्टर के नाम का प्रस्ताव दिया है उनका बैकग्राउंड क्या है? क्या उनका किसी X कंपनी के साथ संबंध है? कोई इसे लेना चाहते हैं क्या? इन्वेस्को को इस पर खुलकर सामने आना चाहिए. फिर शेयरधारकों को तय करने दें कि क्या वो इन्वेस्को के साथ जाना चाहेंगे या ZEEL-SONY डील के साथ.
रेगुलेटर्स को भी पूछना चाहिए इन्वेस्को से सवाल
मीडिया रिपोर्ट्स में सवाल उठाया गया कि रेगुलेटर्स ZEEL से सवाल क्यों नहीं पूछ रहा है. इसके जवाब में सुभाष चंद्रा ने कहा- "रेगुलेटर्स पहली जिम्मेदारी माइनॉरिटी शेयरहोल्डर के हितों की रक्षा करना है. उन्हें भी इन्वेस्को से सवाल करना चाहिए कि वो इस मामले में पारदर्शिता रखे. छोटे शेयरधारकों को यह तय करने दें कि वो ZEEL-SONY डील के साथ जाना चाहते हैं या फिर इन्वेस्को के प्लान के साथ, जो अभी तक सामने नहीं रखा गया है."


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