केंद्रीय कर्मचारियों को सैलरी से अलग कई तरह के निलते हैं फायदे, एक इंसेंटिव की रकम को बढ़ा दिया गया 5 गुना

इसके तहत PHD जैसी ऊंची डिग्री वाले कर्मचारियों को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि 10,000 से बढ़ाकर 30,000 रुपये की जा चुकी है

Update: 2022-02-23 03:50 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। 7th Pay Commission latest news: केंद्रीय कर्मचारियों को सैलरी के साथ कई तरह के बेनिफिट्स मिलते हैं. कर्मचारियों की सैलरी में हर साल महंगाई भत्ते के रूप में भी इजाफा होता है. इसके अलावा प्रोमोशन और दूसरे भत्तों को भी फायदा मिलता है. अगर कोई कर्मचारी नौकरी करते हुए ऊंची डिग्री हालिस करता है तो उसे अलग से इस डिग्री का फायदा मिलता है. अब केंद्र सरकार ने ऊंची डिग्री हासिल करने वाले कर्मचारियों के लिए प्रोत्साहन राशि को 5 गुना तक बढ़ा दिया है. इसके तहत PHD जैसी ऊंची डिग्री वाले कर्मचारियों को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि 10,000 से बढ़ाकर 30,000 रुपये की जा चुकी है.

5 गुना बढ़ा प्रोत्साहन भत्ता (Incentive for fresh higher education)
कार्मिक मंत्रालय (Ministry of Personnel) ने ऊंची डिग्री हासिल करने वाले कर्मचारियों के लिए प्रोत्साहन राशि बढ़ाने के लिए 20 साल पुराने नियमों में संशोधन किया. पुरान नियमों के तहत अब तक नौकरी के दौरान उच्च डिग्री हालिस करने वाले कर्मचारियों को एकमुश्त 2000 रुपये से 10000 रुपये तक का प्रोत्साहन भत्ता (Incentive) दिया जाता था. लेकिन संशोधन के बाद, साल 2019 से इस प्रोत्साहन राशि को न्यूनतम 2000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया गया. यानी अब कर्मचारियों को ऊंची डिग्री हासिल करने पर अधिक प्रोत्साहन भत्ता मिलेगा.
किसे कितना मिलेगा फायदा?
कार्मिक मंत्रालय की तरफ से जारी किये गए सर्कुलर केअनुसार, 3 साल या इससे कम की डिग्री डिप्लोमा हासिल करने पर 10,000 रुपये प्रोत्साहन राशि के तौर पर दिए जाएंगे, 3 साल से ज्यादा की डिग्री या डिप्लोमा हासिल करने पर 15000 रुपये दिए जाएंगे.1 साल या कम की स्नातकोत्तर डिग्री/डिप्लोमा हासिल करने पर 20,000 रुपए दिए जाएंगे. वहीं, 1 साल से ज्यादा अवधि की स्नातकोत्तर डिग्री/डिप्लोमा लेने वाले कर्मचारियों को 25,000 रुपये डीए जाएंगे. वहीं, PHD या उससे समकक्ष योग्यता हासिल करने वालों को 30,000 रुपये प्रोत्साहन राशि दिए जाएंगे.
इन बातों का रखना होगा ध्यान
कार्मिक मंत्रालय ने अपने निर्देशों में यह साफ किया है कि शुद्ध अकादमिक शिक्षा (academic education) या साहित्यिक विषयों पर उच्च योग्यता प्राप्त करने पर कोई प्रोत्साहन नहीं दिया जाएगा. कर्मचारी की तरफ से हासिल की गई डिग्री/डिप्लोमा कर्मचारी के पद से जुड़ी होनी चाहिए या फिर ये डिग्री उसके अगले पद पर काम आने वाले कार्यों से जुड़ी होनी चाहिए. इसमें साफ कहा गया है कि योग्यता और काम के बीच सीधा संबंध होना चाहिए. बता दें, यह नया नियम या बदलाव साल 2019 से प्रभावी हैं.


Tags:    

Similar News

-->