व्यापारी ने 9 लाख में खरीदा 'जादुई बल्ब'... फिर सच्चाई पता चलने पर उड़े होश
कहने को तो हमारी दुनिया बड़ी तेजी से बदल रही है. इसलिए अब लोग पहले से ज्यादा जागरूक भी हो गए है
जनता से रिश्ता वेबडेसक। कहने को तो हमारी दुनिया बड़ी तेजी से बदल रही है. इसलिए अब लोग पहले से ज्यादा जागरूक भी हो गए है. लेकिन हाल में राजधानी से ठगी का एक ऐसा मामला सामने आया है जिसके बारे में सुनते ही आप भी यहीं कहेंगे कि क्या जमाना आ गया है. एक शख्स अपनी नासमझी की वजह से खुद को लाखों की चपत लगा बैठा. यहां के एक कारोबारी को ठगों ने एक बल्ब नौ लाख में बेच दिया.
दरअसल इस व्यापारी को बताया गया कि ये एक जादूई ताकत वाला बल्ब है और इसकी खासियत ये है कि जो भी शख्स इस बल्ब को अपने घर ले जाएगा उसके घर में सोने -चांदी की कोई कमी नहीं रहेगी. बस इसी बात का भरोसा कर व्यापारी ने नौ लाख रुपए में ये बल्ब खरीद लिया.
सोना चांदी का इंतजार करने के बाद अब व्यापारी ने पुलिस में अपने साथ ठगी का मामला दर्ज कराया. नितेश मल्होत्रा नाम के व्यापारी ने थाने में दर्ज कराई अपनी शिकायत में कहा कि कोरोना के समय में व्यापार में काफी नुकसान हो रहा था. ऐसे में उनको उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के तीन युवकों ने कहा कि उनके पास ऐसा बल्ब है, जिसे घर में लगाने के बाद वो अमीर बन जाएंगे.
जालसाजों की इन्हीं बातों में आकर ये कारोबारी ठगी का शिकार हो गया. इन तीन व्यक्तियों ने कारोबारी को फुसलाते हुए कहा कि इस करामाती बल्ब की कीमत नौ लाख रुपए है, अगर तुम इसे खरीद लो तो तुम्हारी किस्मत चमक जाएगी. शिकायतकर्ता ने बताया है कि आरोपियों ने बल्ब से कई तरह की रोशनी निकालकर दिखाई. जिसके बाद कारोबारी ने इसे 9 लाख रुपए में खरीद लिया.
इस बल्ब को घर ले जाने के बाद जब शख्स ने इसे जलाया तो उसे मालूम हुआ कि वो असल में ठगी का शिकार हो गया. जिसके बाद वो पुलिस के पास पहुंचा. एक खबर में कहा जा रहा है कि तीनों ही आरोपी यूपी के रहने वाले हैं. पीड़ित कारोबारी और शिकायतकर्ता की पहचान नितेश मल्होत्रा की शिकायत पर पुलिस ने तीनों आरोपियों- के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है.
पुलिस के मुताबिक, लखीमपुर खीरी में तीनों ही आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी और रंगदारी का मामला दर्ज है. आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले ही मेरठ में ठगी का एक मामला काफी चर्चित रहा था. जिसमें एक डॉक्टर को अलादीन का चिराग बेचकर ठगों ने ढाई करोड़ रुए ठग लिए थे.