Business: जून में खुदरा महंगाई बढ़कर हुई 5.08 फीसदी

खाने-पीने की चीजों के और ज्यादा बड़े दाम

Update: 2024-07-14 07:15 GMT

बिज़नस: सब्जी के बढ़ते दाम से खुदरा महंगाई की बढ़ोतरी दर में हो रही कमी थम गई। इस साल मार्च से लेकर मई तक खुदरा महंगाई दर की बढ़ोतरी दर हर माह कम हो रही थी, लेकिन आलू, प्याज व अन्य सब्जियों के बढ़ते दाम से जून माह की खुदरा महंगाई दर 5.08 प्रतिशत हो गई जो इस साल फरवरी के बाद सबसे अधिक है। फरवरी में खुदरा महंगाई दर 5.09 प्रतिशत थी। इस साल मई में खुदरा महंगाई दर 4.80 प्रतिशत थी। इस साल जून में सब्जी के साथ कई अन्य खाने-पीने की वस्तुओं के दाम बढ़ने से खाद्य वस्तुओं की खुदरा महंगाई दर 9.36 प्रतिशत हो गई जबकि इस साल मई में यह दर 8.69 प्रतिशत थी।खुदरा महंगाई की बढ़ोतरी से अब आरबीआई की तरफ से अगस्त माह में बैंक दर में कटौती की गुंजाइश खत्म हो गई है। क्योंकि आलू, प्याज व टमाटर के दाम में जुलाई में भारी बढ़ोतरी से जुलाई की खुदरा महंगाई दर और बढ़ने की आशंका है। अगस्त में आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक है। आरबीआई खुदरा महंगाई दर को चार प्रतिशत तक लाना चाहता है। छह प्रतिशत से अधिक खुदरा महंगाई दर को आरबीआई बेकाबू मानता है।

क्या चीज हुई महंगी: सरकारी आंकड़ों के मुताबिक गत जून में सब्जी के दाम में पिछले साल जून के मुकाबले 29.32 प्रतिशत तो दाल के भाव में 16.07 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही। चीनी की कीमतों में 5.83 प्रतिशत, फल में 7.15 प्रतिशत, मांस व मछली में 5.39 प्रतिशत, अंडा में 3.99 प्रतिशत तो अनाज के दाम में 8.75 प्रतिशत का इजाफा रहा।जून माह में खाद्य तेल व वनस्पति के दाम में पिछले साल जून की तुलना में 2.68 प्रतिशत तो फ्यूल व लाइट में 3.66 प्रतिशत की गिरावट रही। जून में कपड़े व फुटवियर की खुदरा कीमतों में 2.73 प्रतिशत, ट्रांसपोर्ट व संचार में 0.97 प्रतिशत, स्वास्थ्य सेवा में 4.13 प्रतिशत तो मनोरंजन में 2.39 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही।

मई का औद्योगिक उत्पादन 5.9 प्रतिशत: मई में औद्योगिक उत्पादन का प्रदर्शन बेहतर हुआ। इस साल मई में पिछले साल मई की तुलना में औद्योगिक उत्पादन में 5.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई जबकि इस साल अप्रैल में औद्योगिक उत्पादन में पांच प्रतिशत का इजाफा हुआ था।मई में मैन्यूफैक्चरिंग में पिछले साल मई की तुलना में 4.6 प्रतिशत तो कैपिटल गुड्स में 2.5 प्रतिशत का इजाफा रहा। सबसे अधिक बिजली के उत्पादन में 13.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। प्राइमरी गुड्स में 7.3 प्रतिशत, इंटरमीडिएट गुड्स में 2.5 प्रतिशत, इंफ्रास्ट्रक्चर गुड्स में 6.9 प्रतिशत, कंज्यूमर ड्यूरेबल में 12.3 प्रतिशत तो नान कंज्यूमर ड्यूरेबल में 2.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही।

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