हिमाचल में चीर फिजेंट पक्षी का प्रजनन दोबारा शुरू होगा, विलुप्त हो रही प्रजाति के छोड़े जाएंगे 60 जोड़े

देश भर में विलुप्त होने की कगार पर पहुंच चुके चीर फिजेंट पक्षी का प्रजनन हिमाचल में दोबारा शुरू होगा।

Update: 2022-02-22 02:27 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देश भर में विलुप्त होने की कगार पर पहुंच चुके चीर फिजेंट पक्षी का प्रजनन हिमाचल में दोबारा शुरू होगा। चायल में वन्य प्राणी विभाग तीन हेक्टेयर भूमि पर केंद्र को संचालित करने जा रहा है। मार्च माह के मध्य तक चायल में तय जगह पर 60 जोड़े चीर फिजेंट के छोड़े जाएंगे। विश्व भर में यह पक्षी विलुप्त होने की कगार पर है। इससे पूर्व वर्ष 2019 में भी चायल में इसी तरह का ट्रायल किया गया था, लेकिन यह ट्रायल ज्यादा सफल नहीं रहा। इसके बाद दोबारा वन्य प्राणी विभाग ने यहां पक्षियों को रखने का फैसला किया है। वन्य प्राणी विभाग ने इन पक्षियों के संरक्षण के लिए चायल में बड़े स्तर पर अभियान चलाया है। चयनित की गई भूमि के आसपास रहने वालों को जागरूक किया जा रहा है।

इसके साथ ही जिस टीम को तैनात किया जाएगा। उसे भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पक्षियों की सुरक्षा में तैनात कर्मचारियों को संयम के साथ पूरा दिन जंगल में एक ही जगह बैठना पड़ सकता है। वन्य प्राणी विभाग इन कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने के लिए विशेषज्ञ की सलाह लेगा। हिमाचल प्रदेश
में इस समय चीर फिजेंट के साथ ही जुजुराना और मोनाल का प्रजनन भी प्रदेश में मौजूदा समय में चल रहा है। इनमें से जुजुराना का प्रजनन सराहन में हो रहा है, जबकि मोनाल के प्रजनन के लिए मनाली में वन्य प्राणी विभाग ने व्यवस्था की है। इन पक्षियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
परिवार में रहते हैं अनोखे पक्षी
चीर फिजेंट पक्षी परिवार में रहना पसंद करते हैं और घने घास में यह विचरण करते हैं। इनके उड़ान का क्षेत्र सीमित होता है, लेकिन एक जगह से दूसरी जगह तक ये पक्षी लगातार विचरण करते हैं। इन पक्षियों की देश भर में संख्या लगातार कम हो रही है। पूर्व पक्षियों की संख्या में तीन हजार से भी कम पाई गई थी। अब हिमाचल में भी इनका प्रजनन होने जा रहा है। इससे भविष्य में यहां इनकी आबादी बढ़ेगी।
कर्मचारियों को मिलेगा प्रशिक्षण
राजीव कुमार, पीसीसीएफ शिमला ने बताया कि चायल में चीर फिजेंट केंद्र तीन हेक्टेयर जमीन पर होगा। इसमें पक्षियों के 60 जोड़े छोड़े जाएंगे। इन पक्षियों की जांच और सुरक्षा के लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके लिए वन्य प्राणी विभाग विशेषज्ञों की मदद ले रहा है। चीर फिजेंट के साथ ही जुजुराना और मोनाल के भी प्रजनन केंद्र पर काम किया जा रहा है। चायल में 17 मार्च को पक्षियों को छोड़ा जाएगा।
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