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World News : भारतीय मूल के एक और व्यक्ति के अमेरिकी कांग्रेस में एंट्री की संभावना प्रबल हो गई है

Ritik Patel
20 Jun 2024 8:42 AM GMT
World News : भारतीय मूल के एक और व्यक्ति के अमेरिकी कांग्रेस में एंट्री की संभावना प्रबल हो गई है
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World News : प्रतिनिधि सभा में फिलहाल पांच भारतीय मूल के अमेरिकी हैं। ये सभी डेमोक्रेट से हैं। ये खुद को "समोसा कॉकस" भी कहते हैं। आपको बता दें कि कैलिफोर्निया से अमी बेरा और रो खन्ना सांसद हैं। अमेरिका में मजबूत हो रहा 'समोसा कॉकस', अब सुहास सुब्रमण्यम धूम मचाने को तैयार ,America में राष्ट्रपति चुनाव की तैयारी चल रही है। भारतीय मूल के एक और व्यक्ति के अमेरिकी कांग्रेस में एंट्री की संभावना प्रबल हो गई है। वर्जीनिया डेमोक्रेटिक प्राइमरी चुनाव में भारतीय मूल के
सुहास सुब्रमण्यम
ने जीत दर्ज की है। भारत में उनका नाता कर्नाटक की राजधानी बेंललुरु से है। उन्होंने मंगलवार को यह जीत अपने नाम की है। इसके साथ ही नवंबर में होने वाले आम चुनाव में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार के तौर पर उनके चयन का रास्ता साफ हो गया है। आपको बता दें कि यह सीट इसलिए भी काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें वाशिंगटन के कुछ उपनगर भी शामिल हैं। सुहास से पहले पिछले सप्ताह न्यू जर्सी में भारतीय-अमेरिकी राजेश मोहन ने हाउस सीट के लिए रिपब्लिकन का टिकट अपने नाम कर लिया है। हालांकि उन्हें एक कठिन लड़ाई का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि इसे डेमोक्रेटिक का गढ़ माना जाता है।
क्या है समोसा कॉकस?- प्रतिनिधि सभा में फिलहाल पांच Indian values के अमेरिकी हैं। ये सभी डेमोक्रेट से हैं। ये खुद को "समोसा कॉकस" भी कहते हैं। आपको बता दें कि कैलिफोर्निया से अमी बेरा और रो खन्ना भी सांसद हैं। वाशिंगटन से प्रमिला जयपाल, इलिनोइस से राजा कृष्णमूर्ति और मिशिगन से थानेदार सांसद हैं। सुहास सुब्रमण्यम ने 11 उम्मीदवारों को पछाड़ा है। उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगे थे। उन्हें जेनिफर वेक्सटन का समर्थन प्राप्त था, जिन्होंने 2018 में उन्होंने बतौर डेमोक्रेटिक उम्मीदवार यहां से जीत हासिल की थी। 2022 में उन्होंने 53 प्रतिशत वोट हासिल कर इस सीट पर कब्जा कर लिया था। सुब्रमण्यम का परिवार बेंगलुरु से है। वह पेशे से वकील हैं। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के प्रौद्योगिकी सलाहकार भी रह चुके हैं। ओबामा के समय उन्होंने Cyber ​​security और सरकारी एजेंसियों के आधुनिकीकरण पर काफी काम किया था। 2019 में वे वर्जीनिया जनरल असेंबली और पिछले साल स्टेट सीनेट के लिए चुने गए थे।

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