विश्व
महिलाओं के पास छिपी है विशेष शक्ति, डर या भय को यूं पहचानती हैं महिलाएं वैज्ञानिकों ने कर दी है इस दावे की पुष्टि
Renuka Sahu
18 Sep 2021 3:42 AM GMT
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फाइल फोटो
डर के आगे जीत है. डर सबको लगता है. डर-वर कुछ नहीं बल्कि एक मनोदशा है. डर को लेकर ऐसी बातें आपने सुनी होगी
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। डर (Fear) के आगे जीत है. डर सबको लगता है. डर-वर कुछ नहीं बल्कि एक मनोदशा है. डर को लेकर ऐसी बातें आपने सुनी होगी. ऐसे में एक सवाल ये उठता है कि क्या 'डर' को सूंघा या महसूस किया जा सकता है? इस सवाल का जवाब हाल ही में हुए एक रिसर्च में मिला है. जिसके नतीजों के मुताबिक डर को सूंघना संभव है, लेकिन ऐसा तभी हो सकता है जब उसका अंदाजा लगाने वाली कोई महिला हो.
Psychologists की निगरानी
इस शोध में 214 पुरुष और महिलाओं को शामिल किया गया. सभी को मास्क की मदद से पसीने की महक के नमूनों को सूंघना था. वैज्ञानिक तथ्यों पर हुई निगरानी में पता चला कि हकीकत में परेशान कुछ लोगों का पसीना सूंघने के बाद महिलाओं का व्यवहार आश्चर्यजनक रूप से बदल गया. मनोनिचिकित्सकों (Psychologists) की निगरानी में हुए रिसर्च वर्क के लिये एक ऑडिटोरियम में पब्लिक स्पीच सुन रहे लोगों के साथ प्ले ग्राउंड में मौजूद लोगों के पसीनें के सैंपल कलेक्ट किये थे. इस प्रॉसेस के दौरान महिलाओं को ऑनलाइन गेम खेलने के लिये भी कहा गया था.
यूं दिखा बड़ा बदलाव
डसेलडोर्फ में हेनरिक हेन यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने कहा कि स्टडी के नतीजों को महिलाओं के सामाजिक विकास द्वारा भी समझाया जा सकता है. उदाहरण के लिये महिलाओं ने चिंताग्रस्त शख्स के पसीने को सूंघने के बाद कम भरोसेमंद सोर्स पर यकीन करते हुये ज्यादा जोखिम उठाने की कोशिश की. जबकि आमतौर पर महिलाएं किसी भी स्थिति में बिना सोंचे समझे कोई फैसला नहीं लेती हैं.
इस रिसर्च के नतीजे एक बॉयलोजिकल जर्नल में प्रकाशित किये गये.
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