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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से देख सकेंगे भविष्य, बड़े हमलों से पहले ही मिल जाएगी जानकारी

Rounak Dey
3 Aug 2021 9:26 AM GMT
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से देख सकेंगे भविष्य, बड़े हमलों से पहले ही मिल जाएगी जानकारी
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लेकिन जीआईडीई 3 को जॉइंट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सेंटर और प्रोजेक्ट मानेव (एक डीओडी सब-ग्रुप, जो एआई का उपयोग करता है) का सपोर्ट भी हासिल है.

हॉलीवुड की फिल्मों और कई टीवी सीरियल में हमने ऐसे किरदार देखे हैं, जो ये आसानी से बता देते हैं कि भविष्य में क्या होने वाला है. इसके बाद उस गंभीर खतरे को रोकने की कोशिशें की जाती हैं. लेकिन क्या हो अगर ऐसा वास्तव में होने लग जाए? अमेरिका अब कुछ ऐसा करने जा रहा है, जिसके जरिए भविष्य से जुड़ी जानकारी पहले ही हासिल की जा सकेगी. अमेरिकी रक्षा विभाग का मुख्यालय पेंटागन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रोग्राम (AI Program) पर काम कर रहा है. जिससे भविष्य में क्या होने वाला इसका पता चलेगा और संवेदनशील स्थानों पर संभावित हमलों की भविष्यवाणी भी हो पाएगी.

इसके तहत ग्लोबल इन्फॉर्मेशन डॉमिनेंस एक्सपेरिमेंट्स (Global Information Dominance Experiments) या GIDE मशीन लर्निंग की मदद से विशाल डाटा का अध्ययन करेगा, जिससे उन बदलावों का पता लगाया जाएगा जो इंसान ने नजरअंदाज कर दिए हैं, जैसे किसी पार्किंग लॉट में गाड़ियों की संख्या कम होगी या बढ़ेगी. एक्सपेरिमेंटल प्रोग्राम के जरिए अगर कहीं खतरा होगा, तो उसकी जानकारी ह्यूमन एजेंट्स को पहले ही मिल जाएगी. सैन्य अधिकारियों ने बताया कि ताजा एक्सपेरिमेंट का नाम GIDE 3 है.
इसी हफ्ते पूरा हुआ है तीसरा टेस्ट
यूएस नॉर्दर्न कमांड (NORTHCOM) के कमांडर जनरल ग्लेन वैनहेर्क (General Glen VanHerck) ने बताया कि जीआईडीई दुनियाभर के स्रोतों से लिए गए आंकड़ों को क्लाउड कंप्यूटिंग रिसोर्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जोड़ता है. जिसके जरिए 'अहम सूचना मिलना' और 'निर्णय लेने की श्रेष्ठा' प्राप्त हो सकती है. इसका तीसरा टेस्ट इसी हफ्ते पूरा हुआ है. उन्होंने कहा कि नया सिस्टम 'जागरुकता बनाए रखने, सूचना हासिल करने, और प्रतिस्पर्धा और संकट में निर्णय लेने की श्रेष्ठता प्रदान करने की हमारी क्षमता में आगे बढ़ने' का प्रतिनिधित्व करता है.
डीओडी सिस्टम से ज्यादा प्रभावी है GIDE
जीआईडीई तेजी से फैसले लेने और नई तकनीक को अधिक प्रभावी बनाकर सक्रिय विकल्प प्रदान करता है. वह कहते हैं, 'हमने जो देखा है, वह आगे बढ़ने की क्षमता है, जिसे हम सक्रिय रहने के बावजूद छोड़ देते हैं. और मैं मिनट या घंटों की बात नहीं कर रहा, बल्कि दिनों की बात कर रहा हूं.' जनरल ग्लेन वैनहेर्क ने कहा कि सेना जिस डीओडी सिस्टम का इस्तेमाल करती है, उसमें सैटेलाइट, रडार, ह्यूमन इंटेलिजेंस (Human Intelligence) और अन्य स्रोत शामिल हैं. लेकिन जीआईडीई 3 को जॉइंट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सेंटर और प्रोजेक्ट मानेव (एक डीओडी सब-ग्रुप, जो एआई का उपयोग करता है) का सपोर्ट भी हासिल है.


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