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पुतलों के गांव की सैर... इस गांव में इंसानो से ज्यादा नजर आते है पुतले, तस्वीरें हैरान कर देंगी

Renuka Sahu
23 Nov 2021 2:49 AM GMT
पुतलों के गांव की सैर... इस गांव में इंसानो से ज्यादा नजर आते है पुतले, तस्वीरें हैरान कर देंगी
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फाइल फोटो 

जापान दुनिया में एक ऐसा देश है, जो तकनीकी के मामले में अग्रणी माना जाता है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जापान (Japan News) दुनिया में एक ऐसा देश (Japanese Village Nagoro) है, जो तकनीकी के मामले में अग्रणी माना जाता है. संसाधनों के लिहाज से काफी प्रगति कर चुके जापान (Nagoro Village) में एक समस्या ये है कि यहां गांव के गांव वीरान हो चुके हैं. देश में बुजुर्गों की जनसंख्या (Nagoro Village of Dolls) ज्यादा होने की वजह से गांवों में लोग कम होते जा रहे हैं. ऐसे में आज हम आपको यहां के एक ऐसे गांव की सैर कराएंगे, जहां इंसान कम और पुतले ज्यादा दिखाई देते हैं. ये पुतले यहां रहने वालों की तन्हाई (Dolls outnumber living residents) दूर करने के लिए बनाए गए हैं.

बुलेट ट्रेन और स्मार्ट पब्लिक टॉयलेट वाले जापान में खाली होते गांव बड़ी समस्या है. नगोरो नाम के गांव में जनसंख्या गिनती की बची हुई है. गांव में एक वक्त में 300 लोग रहा करते थे, लेकिन अब वहां इंसानों से ज्यादा गुड़िया दिखाई देती हैं. (Credit- Imgur.com)
गांव के हर गली-मोहल्ले में दिखाई देने वाली आदमकद गुड़िया यहां रहने वालों को अकेलेपन के एहसास से बचाती हैं. इन गुड़ियों को सुकिमा आयो नाम की महिला ने बनाया है. वे खुद भी नगोरो में ही रहती हैं. उन्होंने शुरू में अपने पिता के कपड़े पहनाकर एक स्केयरक्रो बनाया था. (Credit- Imgur.com)
पहले उन्होंने सिर्फ मस्ती के लिए ये पुतला तैयार किया था. बाद में उन्होंने अपने इस शौक को मिशन बना लिया और अब गांव में इंसानों से ज्यादा पुतले दिखाई देते हैं. (Credit- Imgur.com)
स्थानीय भाषा में इसे बिजूका कहते हैं. लोगों के घरों में, आंगन में, सड़कों पर और खेतों में बिजूका खड़े हैं . कुछ लोग तो इनसे इंसानों जैसा बर्ताव भी करना शुरू कर चुके हैं. (Credit- Imgur.com)
गांव में पहले सिर्फ एक स्कूल था, जो बच्चों की कमी की वजह से साल में बंद हो गया. अब यहां भी इंसानों की जगह पुतले बैठाए गए हैं. टीचर जैसी भी एक गुड़िया यहां बिठाई गई है, जो बच्चों को पढ़ाती दिखती है. (Credit- Imgur.com)
गांव को गुड़िया का गांव बनाने में साल लग गए. सुकिमी बिजूका को बनाने के लिए लकड़ी, अखबार और कपड़ों का इस्तेमाल करती हैं. उन्हें इंसानों के कपड़े पहनाए जाते हैं और प्रॉपर टच अप दिया जाता है.


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