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US का चीन पर नकेल कसने के लिए नया प्लान, इंडोनेशिया को F-15 फाइटर जेट बेचेगा, 14 अरब डॉलर के हथियारों की हुई डील
Renuka Sahu
11 Feb 2022 6:01 AM GMT
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फाइल फोटो
अमेरिका ने हिंद-प्रशांत में चीन से निपटने के लिए अब एक नई तरह की चाल चली है, जिससे ड्रैगन टेंशन में आ सकता है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अमेरिका (America) ने हिंद-प्रशांत (Indo-Pacific) में चीन (China) से निपटने के लिए अब एक नई तरह की चाल चली है, जिससे ड्रैगन टेंशन में आ सकता है. दरअसल, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) के प्रशासन ने गुरुवार को इंडोनेशिया (Indonesia) को लगभग 14 अरब डॉलर के हथियारों की बिक्री की मंजूरी दे दी. हिंद-प्रशांत में चीन के बढ़ते वर्चस्व को रोकने के लिए अमेरिका लगातार कदम उठा रहा है और यह भी उसी का हिस्सा है. विदेश मंत्रालय ने अडवांस्ड लड़ाकू विमानों की 13.9 अरब डॉलर की बिक्री की घोषणा की.
वहीं, विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (Antony Blinken) ऑस्ट्रेलिया (Australia) की यात्रा पर हैं. यहां वह क्वाड (Quad) विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा ले रहे हैं. इस यात्रा का मकसद रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के बीच के घटनाक्रमों के बावजूद चीन को प्रशांत क्षेत्र में मुक्त नियंत्रण की अनुमति नहीं देने के अमेरिका के दृढ़ संकल्प को रेखांकित करना है. क्वाड बैठक में एंटनी ब्लिंकन ने कहा, 'क्वाड उन देशों का एक समूह है, जो किसी के खिलाफ होने के लिए साथ नहीं आया है, बल्कि जैसे हम हैं, उसे लेकर हम साथ आए हैं. यह सरल रूप में स्वतंत्र और खुला हिंद-प्रशांत है.'
36 F-15 फाइटर जेट की होगी बिक्री
दूसरी ओर, अमेरिकी मंत्रालय के अनुसार, इंडोनेशिया को 36 F-15 फाइटर जेट (F-15 fighter jets), इंजन और संबंधित उपकरणों की बिक्री की मंजूरी दी गई है, जिसमें युद्ध सामग्री और संचार प्रणाली शामिल हैं. दिसंबर के मध्य में ब्लिंकन की जकार्ता (Jakarta) की यात्रा के बाद यह समझौता किया गया. ब्लिंकन ने उस समय मानवाधिकारों संबंधी चिंताओं के बावजूद अमेरिका-इंडोनेशिया (US-Indonesia Relations) के करीबी संबंधों की सराहना की थी. इस दौरे का मकसद इंडोनेशिया के जरिए चीन को घेरना था.
चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकेगी डील
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'यह प्रस्तावित बिक्री एशिया-प्रशांत क्षेत्र में राजनीतिक स्थिरता और आर्थिक प्रगति के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्रीय भागीदार की सुरक्षा में सुधार करके अमेरिका की विदेश नीति के लक्ष्यों और राष्ट्रीय सुरक्षा उद्देश्यों का समर्थन करेगी.' मंत्रालय ने कहा, 'एक मजबूत एवं प्रभावी आत्मरक्षा क्षमता विकसित करने और इसे बनाए रखने में इंडोनेशिया की सहायता करना अमेरिका के राष्ट्रीय हितों के लिए महत्वपूर्ण है.'
बयान में चीन का कोई उल्लेख नहीं किया गया है, लेकिन लगातार अमेरिकी प्रशासन ने दक्षिण चीन सागर (South China Sea) और प्रशांत क्षेत्र में अन्य जगहों पर अपने प्रभाव को बढ़ावा देने के चीन के प्रयासों को रोकने के अभियान में दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम लोकतंत्र इंडोनेशिया को शामिल करने की मांग की है. इंडोनेशिया में आसियान देशों का मुख्यालय भी है. इसमें शामिल देशों के चीन के साथ ज्यादा बेहतर रिश्ते नहीं है.
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