विश्व

तुर्की के राष्‍ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने एक बार फिर से उगला जहर, जम्‍मू- कश्मीर का उठाया मुद्दा

Neha Dani
22 Sep 2021 10:11 AM GMT
तुर्की के राष्‍ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने एक बार फिर से उगला जहर, जम्‍मू- कश्मीर का उठाया मुद्दा
x
कई रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि एर्दोगान परमाणु तकनीक हासिल करना चाहते हैं।

पाकिस्‍तान के साथ गलबहियां कर रहे तुर्की के राष्‍ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने एक बार फिर से कश्‍मीर मामले में ज‍हरीला बयान दिया है। एर्दोआन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्च स्तरीय सत्र में वैश्विक नेताओं के नाम अपने संबोधन में एक बार फिर जम्‍मू- कश्मीर का मुद्दा उठाया। एर्दोआन ने गत वर्ष भी सामान्य चर्चा के लिए अपने पहले से रेकॉर्ड किए गए वीडियो बयान में कश्मीर का जिक्र किया था।

एर्दोगान के बयान के पर भारत ने जोरदार पलटवार किया था। भारत ने उस वक्त इसे 'पूरी तरह अस्वीकार्य' बताया था और कहा था कि तुर्की को अन्य राष्ट्रों की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए और अपनी नीतियों पर गहराई से विचार करना चाहिए। एर्दोआन ने मंगलवार को सामान्य चर्चा में अपने संबोधन में कहा, 'हम 74 वर्षों से कश्मीर में चल रही समस्या को पार्टियों के बीच बातचीत के माध्यम से और प्रासंगिक संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों के ढांचे के भीतर हल करने के पक्ष में अपना रुख बनाए रखते हैं।'
संबोधन में बार-बार कश्मीर का मुद्दा उठाते रहे हैं एर्दोगान
पाकिस्तान के करीबी सहयोगी, तुर्की के राष्ट्रपति उच्च स्तरीय सामान्य चर्चा में अपने संबोधन में बार-बार कश्मीर का मुद्दा उठाते रहे हैं। उन्होंने पिछले साल पाकिस्तान की अपनी यात्रा के दौरान भी कश्मीर का मुद्दा उठाया था। उस समय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि एर्दोआन की टिप्पणी न तो इतिहास की समझ और न ही कूटनीति के संचालन को दर्शाती है और इसका तुर्की के साथ भारत के संबंधों पर गहरा असर पड़ेगा।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान द्वारा 'स्पष्ट रूप से किए जाने वाले' सीमा पार के आतंकवाद को सही ठहराने के तुर्की के बार-बार के प्रयास को खारिज किया है। मंगलवार को अपने संबोधन में, तुर्की के राष्ट्रपति ने शिन्जियांग में चीन के अल्संख्यक मुस्लिम उइगुर और म्यांमा के रोहिंग्या अल्पसंख्यकों का भी जिक्र किया। एर्दोआन ने कहा कि, 'चीन की क्षेत्रीय अखंडता के परिप्रेक्ष्य में, हम मानते हैं कि मुस्लिम उइगुर तुर्कों के मूल अधिकारों के संरक्षण के संबंध में और अधिक प्रयासों को प्रदर्शित करने की आवश्यकता है।'
पाकिस्‍तान के साथ रक्षा संबंध बढ़ा रहा तुर्की
एर्दोगान ने कहा, 'हम रोहिंग्या मुसलमानों की उनकी मातृभूमि में सुरक्षित, स्वैच्छिक, सम्मानजनक वापसी सुनिश्चित करने का भी समर्थन करते हैं, जो बांग्लादेश और म्यांमा में शिविरों में कठिन परिस्थितियों में रह रहे हैं।' तुर्की के राष्‍ट्रपति खलीफा बनना चाहते हैं और वह लगातार पाकिस्‍तान के साथ रक्षा संबंध बढ़ा रहे हैं। कई रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि एर्दोगान परमाणु तकनीक हासिल करना चाहते हैं।

Next Story