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तुर्की की विमानन कंपनी को 'तुर्किश एयरलाइंस' की जगह 'तुर्किए हवा योलारी' के रूप में जाना जाएगा : राष्ट्रपति एर्दोगन
Renuka Sahu
15 Jun 2022 1:05 AM GMT
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फाइल फोटो
राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने मंगलवार को कहा कि तुर्की की राष्ट्रीय विमानन कंपनी को 'तुर्किश एयरलाइंस' की जगह अब 'तुर्किए हवा योलारी' के रूप में जाना जाएगा।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन (President Recep Tayyip Erdogan) ने मंगलवार को कहा कि तुर्की की राष्ट्रीय विमानन कंपनी को 'तुर्किश एयरलाइंस' की जगह अब 'तुर्किए हवा योलारी' के रूप में जाना जाएगा। यह कदम उन्होंने अपने देश का नाम तुर्की से बदलकर 'तुर्किए' किए जाने पर जोर देने के लिए किया है। इस महीने के शुरू में अंकारा ने संयुक्त राष्ट्र को पत्र भेजकर देश का नाम औपचारिक रूप से 'तुर्किए' दर्ज करने का आग्रह किया है।
स्वतंत्रता की घोषणा करने के बाद 1923 में यह देश खुद को 'तुर्किए' कहता था। एर्दोगन की सरकार ने कहा कि 'तुर्किए' (Turkiye) नाम तुर्की की संस्कृति एवं मूल्यों को बेहतर तरीके से प्रतिनिधित्व करता है। दूसरी ओर प्रेक्षकों का कहना है कि यह कदम तुर्की पक्षी से अपने नाम को अलग करने का प्रयास है। नए संचार उपग्रह को लांच करने के लिए आयोजित समारोह में एर्दोगन ने कहा, 'ज्यादा समय तक तुर्की नहीं रहेगा।
तुक्री अब बन चुका है तुर्किये
गौरतलब है कि तुर्की का जो अभी नाम है, उसके कई मतलब होते हैं। हालांकि, इसके ये अर्थ थोड़े नकारात्मक हैं। तुर्की यानी इंग्लिश में इसका उच्चारण टर्की होता है, जिसका अर्थ बेवकूफ व्यक्ति होता है। इसे नाकामी से भी जोड़ा जाता है। वहीं टर्की नाम का एक पक्षी भी होता है। भारत में इसे तीतर के नाम से जानते हैं। इसलिए टर्की अपने इस नाम को बदलकर अपनी भाषा के हिसाब से अपने देश का नाम रखना चाह रहा था।
मेड इन तुर्किये लिखे जाने की शुरुआत हो चुकी थी
उल्लेखनीय है कि तुर्की की सरकार ने पिछली सरकार से ही अपने देश का नाम तुर्की लिखना बंद कर दिया था। एदरेगन ने आदेश दिया था कि अब से तुर्की की जगह तुर्किये लिखा जाए। इसके बाद से ही तुर्की से निर्यात होने वाले सामानों पर भी मेड इन तुर्किये लिखा जाने लगा था। नाम बदलने वाले देशों की फेहरिस्त में तुर्की पहला देश नहीं है। इससे पहले भी कई देशों ने अपने नाम बदले हैं।
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