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तुर्की रच रहा बड़ी साजिश, जम्मू-कश्मीर में सीरियाई आतंकवादियों को भेजने को तैयार

Neha Dani
8 Dec 2020 5:42 AM GMT
तुर्की रच रहा बड़ी साजिश, जम्मू-कश्मीर में सीरियाई आतंकवादियों को भेजने को तैयार
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तुर्की अक्सर कश्मीर पर भारत विरोधी बयान देकर सुर्खियों में रहा है,

जनता से रिश्ता वेबडेसक| तुर्की अक्सर कश्मीर पर भारत विरोधी बयान देकर सुर्खियों में रहा है, लेकिन अब वह इससे दो कदम आगे निकल गया है। वह सीरिया के आतंकियों को कश्मीर भेजने की तैयारी में है। हालांकि, इससे पहले सीरिया भाड़े के लड़ाकों को लीबिया और अजरबैजान भेज चुका है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, तुर्की समर्थित सुलेमान शाह ब्रिगेड आतंकवादी संगठन के प्रमुख अबू ईमशा है। यह सीरियाई राष्ट्रीय सेना का एक हिस्सा है। ईमशा ने कुछ दिनों पहले अपने सदस्यों से कहा था कि अंकारा चाहता है कि वह कश्मीर में भारत के खिलाफ अपने लड़के भेजे। आतंकवादी समूहों के ईमशा ने कहा कि तुर्की के अधिकारी बाद में अन्य आतंकवादी समूहों के कमांडरों से उन लोगों के नामों को सूचीबद्ध करने के लिए कहेंगे, जो कश्मीर जाना चाहते हैं। इसके लिए डेढ़ लाख रुपये भी दिए जा रहे हैं।

आतंकवाद को हवा देने की फिराक
पाक के बाद अब तुर्की भी कश्मीर में आतंकवाद को हवा देने की कोशिश कर रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक तुर्की सीरिया में जंग लड़ रहे आतंकियों को कश्मीर भेजने की फिराक में है। उसकी सरकारी मीडिया एजेंसी ने भी पाकिस्तान और कश्मीर मामले पर टिप्पणी की है। इसे अजरबैजान और आर्मीनिया के बीच नागर्नो-कराबाख विवाद की तरह बताया है। तुर्की की मदद से दो हफ्ते पहले ही अजरबैजान ने इस इलाके पर कब्जा किया है।
डेढ़ लाख मिलेगा
ईमशा के मुताबिक तुर्की के अफसर जल्द ही ऐसे आतंकियों की लिस्ट मांगेंगे, जो कश्मीर जाना चाहते हैं। इन सभी को आतंकी संगठन की ओर से दो हजार अमेरिकी डॉलर (करीब 1.5 लाख रुपए) दिए जाएंगे। स्थानीय सूत्रों के मुताबिक तुर्की कश्मीर में आतंकियों को चुनने के लिए एजाज, जाराब्लस, अल-बाब, अफरीन और इदलिब इलाके में अभियान चला रहा है। आतंकियों को एक ग्रुप में गुपचुप तरीके से कश्मीर भेजा जाएगा।
कश्मीर मामले पर पाक का साथ
तुर्की कश्मीर मामले पर लंबे समय से पाकिस्तान का साथ देता रहा है। संयुक्त राष्ट्र समेत कई दूसरे ग्लोबल प्लेटफॉर्म्स पर कश्मीर का मु्द्दा उठाने में पाकिस्तान की मदद की है। पिछले साल यूएन जनरल असेम्बली में तुर्की ने कश्मीर का मुद्दा उठाया था। भारत ने इसे अपने अंदरुनी मामलों में दखलंदाजी बताया था। पाकिस्तान भी तुर्की की ओर से उत्तरपूर्व सीरिया पर कब्जा करने की कोशिशों का समर्थन करता है।


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