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पीटीआई समर्थकों की अमेरिका से दखल की गुहार से खड़ी हुई इमरान के लिए मुसीबत

Rounak Dey
7 Jun 2023 5:35 PM GMT
पीटीआई समर्थकों की अमेरिका से दखल की गुहार से खड़ी हुई इमरान के लिए मुसीबत
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पाकिस्तान के मानव अधिकार संरक्षण संबंधी रिकॉर्ड से जोड़ा जा सके...

पाकिस्तान | सत्ताधारी गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर अब उनके ही एक हथियार से हमला शुरू कर दिया है। आरोप लगाया जा रहा है कि इमरान खान के समर्थकों ने अमेरिका से पाकिस्तान के अंदरूनी मामलों में दखल देने की गुहार लगाई है। इसके पहले इमरान खान पीडीएम को अमेरिका की कठपुतली बताते रहे हैं।

अमेरिका में इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के समर्थकों ने वहां के सांसदों के बीच लॉबिंग की मुहिम छेड़ी हुई है। इसके तहत अमेरिकी सांसदों से ऐसा विधेयक लाने की अपील की जा रही है, जिससे अमेरिकी सहायता को पाकिस्तान के मानव अधिकार संरक्षण संबंधी रिकॉर्ड से जोड़ा जा सके। पाकिस्तान के अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक अभी यह साफ नहीं है कि पीटीआई समर्थकों ने अपनी मुहिम के लिए इमरान खान से हरी झंडी ली थी या नहीं। इसके बावजूद इमरान खान के विरोधियों ने इसे यहां एक बड़ा मुद्दा बना दिया है।

कुछ मीडिया टिप्पणियों में पीटीआई समर्थकों की मुहिम की तुलना 2011-12 के बहुचर्चित ‘मीमोगेट’ कांड से की जा रही है। तब राजनयिक हुसैन हक्कानी ने तत्कालीन अमेरिकी सेनाध्यक्ष माइक मुलेन को एक मीमो (पत्र) सौंपा था। उसमें पाकिस्तान की सेना के खिलाफ तत्कालीन सरकार की मदद करने की अपील की गई थी। तब पाकिस्तान सरकार 2011 में एबटाबाद में आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को मार गिराने की अमेरिकी कार्रवाई से बाद बने माहौल में घिर गई थी। आरोप लगा था कि पाकिस्तान सरकार ने गुपचुप इस कार्रवाई में अमेरिका की मदद की।

‘मीमोगेट’ कांड की जांच के लिए पाकिस्तान में न्यायिक जांच आयोग बना था, जिसने विवादित पत्र तैयार करने के लिए हुसैन हक्कानी को दोषी पाया था। आयोग ने कहा था कि हक्कानी पाकिस्तान के प्रति वफादार नहीं हैं। ताजा विवाद इस रविवार को खड़ा हुआ। उस रोज अमेरिका में पीटीआई के संयोजक की भूमिका निभाने का दावा करने वाले सज्जाद बुर्की ने एक ट्विट में कहा- ‘अमेरिकी सांसद ग्रेग केसार की मेजबानी करने के लिए तारिक माजिद को शुक्रिया। अमेरिकी सांसद ने पाकिस्तान में लोकतंत्र, मानव अधिकारों और कानून के राज के संरक्षण के लिए समर्थन देने का वादा किया।’

इस ट्विट के साथ एक वीडियो भी टैग किया गया, जिसमें बुर्की और एक अन्य व्यक्ति अमेरिकी सांसद की मदद मांगते सुने गए हैं। बुर्की ने इस दौरान कहा कि अमेरिकी कांग्रेस (संसद) के 86 सदस्य पीटीआई की उस अर्जी पर दस्तखत कर चुके हैं, जिसमें पाकिस्तान संबंधी विधेयक लाने की गुहार लगाई गई है।

इसके पहले नौ मई को इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद हुई घटनाओं को लेकर पाकिस्तानी-अमेरिकी पॉलिटिकल कमेटी ने एक अभियान चलाया, जिसके तहत 60 से ज्यादा अमेरिकी सांसदों से संपर्क किया गया। उनसे यह अपील की गई कि पाकिस्तान सरकार पर दबाव डालने के लिए वे अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन से बात करें।

इस कमेटी का दावा है कि पाकिस्तान की पार्टी से उसका संबंध नहीं है। उसका मकसद सिर्फ पाकिस्तान में लोकतंत्र को मजबूत करना है। लेकिन मौजूदा मामले में उसने अमेरिका सरकार से पाकिस्तान के अंदरूनी मामले में हस्तक्षेप करवाने की कोशिश की है। इससे यहां इमरान खान के विरोधियों को एक सियासी औजार मिल गया है।

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