जनता से रिश्ता वेबडेस्क | पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान, उनकी पत्नी बुशरा बीबी और उनके करीबी सहयोगियों की मुश्किलों कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। इन सबके खिलाफ तोशाखाना मामले में शहबाज सरकार ने धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला दर्ज किया है। उन पर तोशाखाना उपहारों के संबंध में फर्जी और जाली रसीदें तैयार करने और उन्हें जमा करने का आरोप लगाया गया है। स्थानीय मीडिया ने बुधवार को यह जानकारी दी।
इस बीच पाकिस्तान की एक अदालत ने बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को 21 जून तक के लिए अग्रिम जमानत दे दी। इससे पहले लाहौर उच्च न्यायालय ने भी पुलिस को इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी को किसी भी मामले में 13 जून तक गिरफ्तार करने से रोक दिया था।
'जिओ न्यूज' की खबर के मुताबिक, 70 वर्षीय खान, बुशरा बीबी, पूर्व जवाबदेही मंत्री शहजाद अकबर, जुल्फी बुखारी, फराह गोगी (बुशरा बीबी की करीबी सहयोगी) और अन्य के खिलाफ अवैध तरीके लाभ हासिल करने और मिलीभगत से साजिश रचने और धोखाधड़ी के लिए एक-दूसरे के साथ जुड़ने के लिए मामला दर्ज किया गया है।
'तोशाखाना' कैबिनेट प्रभाग के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक विभाग है, जो अन्य सरकारों, देशों के प्रमुखों, विदेशी गणमान्य व्यक्तियों से मिले कीमती उपहारों को संग्रहीत करता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आरोपियों ने न केवल तोशाखाना उपहारों जैसे घड़ी, कफ लिंक के बारे में फर्जी रसीदें तैयार कीं, बल्कि उन्हें वास्तविक के रूप में प्रस्तुत भी किया। इनका स्वतंत्र तरीके से सत्यापन किया जा रहा है।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख खान और उनके सहयोगियों ने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की ओर से उपहार में दी गई दुर्लभ कलाई घड़ी सहित तोशाखाना उपहारों की फर्जी रसीदें सौंपीं। कई महीनों तक इस विषय से बचने के बाद खान ने पिछले साल सितंबर में पुष्टि की थी कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान मिले कम से कम चार उपहार बेचे थे और दुबई स्थित करोड़पति व्यवसायी उमर फारूक जहूर (जो वर्तमान में घड़ी के मालिक हैं) ने लाइव टीवी पर यह घड़ी दिखाते हुए कहा था कि उन्होंने फराह गोगी से इसे खरीदा था।
2019 में बिक्री के समय घड़ी की कीमत लगभग 280 मिलियन रुपये थी। इस्लामाबाद के प्रमुख घड़ी डीलर और 'आर्ट ऑफ टाइम' दुकान के मालिक मुहम्मद शफीक ने एक लिखित हलफनामे में कहा कि उन्हें रोलेक्स घड़ी नहीं बेची गईं थी। उन्होंने कहा कि पीटीआई नेताओं ने तोशाखाना घोटाले में अपने राजनीतिक उद्देश्यों के लिए उनकी दुकान के नाम की जाली रसीदें बनाईं।