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इस देश को मिली मध्य एशिया की सबसे बड़ी सोने की खदान, अब आने वाले 10 साल में हो जाएगा मालामाल

Gulabi Jagat
7 April 2022 12:33 PM GMT
इस देश को मिली मध्य एशिया की सबसे बड़ी सोने की खदान, अब आने वाले 10 साल में हो जाएगा मालामाल
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राष्ट्रपति ने किया ऐलान
नई दिल्ली: दो दशकों से अधिक समय के बाद, किर्गिस्तान ने मध्य एशिया की सबसे बड़ी सोने की खदानों में से एक, कुमटोर गोल्ड माइन (Kumtor Gold Mine) पर पूर्ण नियंत्रण कर लिया है. यह सोने की खदान किर्गिस्तान सरकार और कनाडाई खनन कंपनी सेंटर्रा गोल्ड के बीच लड़ाई में उलझी हुई थी. आपको जानकर हैरानी होगी कि यह पेरू की यानाकोचा खदानों के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी खदान है.
राष्ट्रपति ने किया ऐलान
हमारी सहयोगी वेबसाइट WION की खबर के अनुसार, किर्गिस्तान के राष्ट्रपति सदिर जापरोव ने इस महीने की शुरुआत में राष्ट्र के नाम एक संबोधन में कहा, 'हमने इस विवाद को सुलझाने के लिए सेंटर्रा के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं कुमटोर अब पूरी तरह से किर्गिस्तान के स्वामित्व में है.' सेंटर्रा के साथ अदालत के बाहर समझौते के बाद खदान अब किर्गिस्तान के सरकारी स्वामित्व वाले किर्गिस्तान के सीधे नियंत्रण में आ जाएगी.
किर्गिस्तान को होगा तगड़ा मुनाफा
अब, खदान के पूर्ण नियंत्रण के साथ, मध्य एशियाई देश किर्गिस्तान को 53 मिलियन डॉलर मिलने की उम्मीद है, जबकि कनाडाई कंपनी सेंटर्रा संयुक्त राज्य अमेरिका, स्वीडन और कनाडा में किर्गिजल्टिन के खिलाफ सभी मुकदमे समाप्त कर देगी. खदान की कीमत 3 अरब अमेरिकी डॉलर है. किर्गिस्तान के अनुमानों के अनुसार, आने वाले एक दशक में, खदानें कम से कम US$5 बिलियन डॉलर (भारतीय मुद्रा के अनुसार 3 खरब से भी ज्यादा रुपये) मूल्य के 160-200 टन सोने का उत्पादन कर सकती हैं.
क्या बोले देश के राष्ट्रपति
इस खदान को मिलने के बाद इसके विकास के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, राष्ट्रपति सदिर ने समझाया, 'यह कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं है कि आज हमारे देश के इतिहास में एक सच्चा मोड़ है. आज, हमारे लोगों ने अपने भाग्य की जिम्मेदारी अपने हाथों में ले ली है'. उन्होंने कहा, 'हमारी राष्ट्रीय संपत्ति अब ठीक वहीं है जहां उसे होना चाहिए, हमारे अपने हाथों में. यह साबित करता है कि हम सतत विकास और विकास के रास्ते पर हैं.'
इन देश के लोगों ने किया था दौरा
विशेष रूप से, किर्गिस्तान के विदेश मंत्रालय ने पिछले साल विदेशी दूतों को खदानों का दौरा करने के लिए आमंत्रित किया था. इनमें भारत, ब्रिटेन के दूत, अजरबैजान के दूतावासों के प्रतिनिधि और संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर, यूएन एफएओ, यूएनडीपी के प्रतिनिधि शामिल थे.
कहां है सोने की खदान की लोकेशन?
कुमटोर सोना जमा टीएन शान मेटलोजेनिक बेल्ट में स्थित है, जिसे एशियाई गोल्ड बेल्ट के रूप में भी जाना जाता है जो उज्बेकिस्तान से चीन के झिंजियांग तक फैला है.
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