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विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने जानकारी दी है कि वह मंकीपॉक्स का नाम बदलने को लेकर विशेषज्ञों के साथ मिलकर काम कर रहा है। WHO ने कहा है कि वह वायरस के भेदभावपूर्ण उपनाम से जुड़े कलंक और नस्लवाद को लेकर मंकीपॉक्स के नाम को बदलने पर काम कर रहा है। दुनिया के 30 से अधिक वैज्ञानिकों ने मंकीपॉक्स वायरस के लिए गैर-भेदभावपूर्ण और गैर-कलंककारी नाम रखने की अपील की थी।
WHO के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेबियस ने बताया है कि संगठन दुनिया भर के भागीदारों और विशेषज्ञों के साथ मंकीपॉक्स वायरस, इसके समूह और इसके कारण होने वाली बीमारी के नामकरण को बदलने पर काम कर रहा है। उन्होंने आगे बताया है कि नए नामों के बारे में जल्द ही घोषणा की जाएगी।
अभी अफ्रीका से जुड़े हुए हैं मंकीपॉक्स का नाम
WHO ने मौजूदा वक्त में मंकीपॉक्स के दो प्रकार को चिन्हित किया हुआ है और इसे पश्चिम अफ्रीकी क्लैड और कांगो बेसिन (मध्य अफ्रीकी) क्लैड का नाम दिया है। अफ्रीका और दुनिया भर के वैज्ञानिकों के एक ग्रुप के मुताबिक यह पहली पहचान के स्थानों के आधार पर संक्रामक रोगों के कई पूर्व भौगोलिक वर्गीकरणों की तरह भ्रामक और गलत हो सकता है।
उन्होंने मंकीपॉक्स के लिए एक नए वर्गीकरण की सिफारिश की है। सिफारिश में कहा गया है कि वायरस और उसके ग्रुप का नाम देश, भौगोलिक क्षेत्र, अर्थव्यवस्था के बदले वायरस के विकास और संचरण को ध्यान में रखते हुए रखा जाना चाहिए
मंकीपॉक्स से अब तक 72 लोगों की मौत
WHO की रिपोर्ट मुताबिक साल 2022 में 39 देशों में 1600 मंकीपॉक्स के मामले सामने आए हैं। मौजूदा वक्त में 32 लोग इस वायरस से पीड़ित हैं। अब तक 72 लोगों की इस वायरस से मौत हो चुकी है। WHO के मुताबिक मौत उन देशों में रिपोर्ट हुए हैं जहां मंकीपॉक्स का असर पहले से ही रहा है। नए प्रभित देशों में अब तक मौत की कोई रिपोर्ट नहीं आई है।
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