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छोटे-मोटे नेता को पाकिस्तान की मदद से राष्ट्रपति बनाएगा तालिबान, जानें कौन होगा गृह मंत्री
Renuka Sahu
7 Sep 2021 1:51 AM GMT
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फाइल फोटो
अफगानिस्तान पर तालिबान को कब्जा किए करीब एक महीने का समय होने वाला है लेकिन अभी तक सरकार गठन को लेकर संगठन में खींचतान जारी है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अफगानिस्तान पर तालिबान को कब्जा किए करीब एक महीने का समय होने वाला है लेकिन अभी तक सरकार गठन को लेकर संगठन में खींचतान जारी है। तालिबान को उकसाने में पाकिस्तान की भी बड़ी भूमिका मानी जा रही है और अब खबर यह भी है कि पाकिस्तान की मदद से ही एक छोटे-मोटे या यूं कह लें जिसे दुनिया नहीं जानती, ऐसे तालिबानी नेता मुल्लाह हसन अखुंद को राष्ट्रपति पद पर बैठाया जाएगा ताकि संगठन के दोनों धड़ों में हो रही उठापटक पर विराम लगाया जा सके।
मुल्लाह हसन अखुंद को भी संयुक्त राष्ट्र की ओर से आतंकवादी घोषित किया जा चुका है। युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में तालिबान के अलग-अलग गुटों के बीच अभी तक सरकार गठन को लेकर आखिरी फैसला नहीं लिया गया है। राजधानी काबुल पर तालिबान ने 15 अगस्त को ही कब्जा कर लिया था।
अभी तक अफगानिस्तान में मुल्लाह बरादर, हक्कानी नेटवर्क के बीच सत्ता को लेकर खींचतान जारी थी। नए फॉर्मुला के तहत, मुल्लाह बरादर और मुल्लाह उमर के बेटे मुल्ला याकूब को मुल्लाह याकूब के अंदर उपराष्ट्रपति पद दिया जाएगा। इतना ही नहीं वैश्विक आतंकियों की सूची में शामिल हक्कानी नेटवर्क के सिराज हक्कानी को सबसे अहम गृह मंत्रालय का जिम्मा दिया जा सकता है। वहीं, तालिबान के हिबतुल्लाह अखुंदजादा को 'सुप्रीम नेता' बनाया जाना भी तय माना जा रहा है।
मुल्लाह हसन अखुंद ने 2001 में अमेरिकी सेना के आने से पहले भी तालिबानी शासन में मंत्री पद संभाला है। कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि हाल ही में हुए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के चीफ के काबुल दौरे पर मुल्लाह हसन अखुंद के नाम पर सहमति बन गई है। ISI चीफ फैज हामिद अब वापस इस्लामाबाद भी जा चुके हैं।
मुल्लाह हसन अखुंद का जन्म कंधार में हुआ था, जिसे तालिबान की जन्मस्थली भी माना जाता है। अखुंद के पास फिलहाल तालिबान के शक्तिशाली संगठन रहबरी शूरा की कमान है, जो अहम फैसले लेती है। इतना ही नहीं मुल्लाह हसन तालिबान के सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा का करीबी भी माना जाता है।
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