x
स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टीफन लोफवेन ने सोमवार को कहा कि उन्होंने संसद से इस्तीफा दे दिया है।
स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टीफन लोफवेन ने सोमवार को कहा कि उन्होंने संसद से इस्तीफा दे दिया है। स्वीडन में 2014 से पीएम रहे डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता लोफवेन ने देश की संसद के अध्यक्ष से नई सरकार बनाने के लिए कहा है। लोफनेन ऐसे पहले स्वीडिश नेता हैं जो एक सप्ताह पूर्व संसद में विश्वास मत खो चुके हैं।
लोफवेन ने समय से पहले चुनाव कराने की मांग नहीं की जबकि स्वीडन का संविधान उन्हें इसकी अनुमति भी देता है। वह औपचारिक तौर पर इस्तीफा दे रहे हैं लेकिन नई सरकार बनने तक वे कार्यवाहक भूमिका निभाते रहेंगे। 2018 से संसद के अध्यक्ष, एंड्रियास नोर्लेन पार्टी के उन नेताओं से बात करेंगे जो सरकार बना सकते हैं।
वह अकेले इस बात का फैसला करेंगे कि पार्टी के कौन नेता इन वार्ताओं को शुरू कर सकते हैं। समझा जाता है कि स्वीडन की संसद रिक्सडेग की 349 सीटों में से 100 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के अध्यक्ष, लोफवेन इन वार्ताओं की शुरुआत करेंगे। सोशल डेमोक्रटिक और ग्रीन पार्टी के गठबंधन से बनी उनकी कैबिनेट, एक अल्पसंख्यक सरकार है जो कानूनों को पारित करने के लिए छोटी 'लेफ्ट पार्टी' के मतों पर निर्भर रही है।
181 सांसदों ने किया लोफवेन का विरोध
लोफवेन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव राष्ट्रवादी स्वीडन डेमोक्रेट पार्टी लेकर आई थी जो वर्षों से सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी की आलोचना करती रही है। अंतत: उसे अविश्वास प्रस्ताव में सफलता मिली क्योंकि वाम पार्टी ने आवास की कमी से निपटने संबंधी प्रस्तावित कानून को लेकर सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया। 21 जून को हुए इस मतदान में 349 में से 181 सांसदों ने लोफवेन के खिलाफ मत दिया था।
लेफ्ट पार्टी के विश्वास मत खोने और लोफवेन के खिलाफ वोट करने का मुख्य कारण स्वीडन के हाउसिंग मार्केट को नियंत्रण मुक्त करने की विवादास्पद योजना है। स्वीडन में किराये पर कड़ा नियंत्रण है जिसका उद्देश्य बड़े शहरों में सस्ती दर बनाए रखना है। लेफ्ट पार्टी को डर है कि किराया बाजार को नियंत्रण मुक्त करने से मूल्यों में तेजी से बढ़ोतरी होगी और गरीब एवं अमीर के बीच खाई बढ़ेगी।
Next Story