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स्‍वीडन, फिनलैंड का रास्‍ता साफ, रूस के दरवाजे तक पहुंच रहा नाटो, 2 राज्यों को दी मान्यता

Neha Dani
30 Jun 2022 8:04 AM GMT
स्‍वीडन, फिनलैंड का रास्‍ता साफ, रूस के दरवाजे तक पहुंच रहा नाटो, 2 राज्यों को दी मान्यता
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सैनिक और इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़े करेगा तो तैनात करता है तो हम चुप नहीं बैठेंगे. हम उसका करारा जवाब देंगे.

रूस यूक्रेन युद्ध को लेकर बुधवार को दो बड़ी घटनाएं हुईं. एक तरफ जहां रूस के खतरों को लेकर बुधवार को बुलाए गए नाटो सम्मेलन को लेकर रूस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और स्वीडन और फिनलैंड के नाटो मेंबर बनने पर नाटो को खुली धमकी दी, तो वहीं दूसरी तरफ सीरिया ने बुधवार को ही पूर्वी यूक्रेन के दो अलगाववादी गणराज्यों की स्वतंत्रता को मान्यता दे दी. ऐसा करने वाला वह पहला देश बन गया है. अभी तक सिर्फ रूस ने ही इन दोनों की स्वतंत्रता को मान्यता दी थी.


अब राजनयिक संबंध बनाने के लिए बातचीत की तैयारी
बता दें कि फरवरी में यूक्रेन पर हमला करने के बाद ही रूस ने डोनेट्स्क और लुगांस्क के स्वतंत्रता को मान्यता दी थी. सीरिया के विदेश मंत्रालय के एक सूत्र ने सना समाचार एजेंसी को बताया कि, "सीरिया ने लुगांस्क पीपुल्स रिपब्लिक और डोनेट्स्क पीपुल्स रिपब्लिक दोनों की स्वतंत्रता और संप्रभुता को मान्यता देने का फैसला किया है. हम नियमों के अनुसार अब इन दोनों देशों से राजनयिक संबंध बनाने के लिए संवाद करेंगे. बताया गया कि इस महीने की शुरुआत में सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद ने एक रूसी प्रतिनिधिमंडल और डोनेट्स्क गणराज्य के प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी. बैठक के दौरान उन्होंने दमिश्क डोनेट्स्क के साथ राजनीतिक संबंध शुरू करने पर सहमति दी थी. सीरिया पहले भी अलग-अलग राज्यों को लेकर मास्को के साथ खड़ा रहा है और उसकी मान्यता का समर्थन किया है. 2018 में सीरिया ने दक्षिण ओसेशिया और अबकाज़िया को जॉर्जिया के पूर्व सोवियत राज्य से अलग स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता दी थी.

स्वीडन और फिनलैंड के नाटो सदस्य बनने से रूस नाराज
वहीं, इन सबसे अलग बुधवार को स्पेन में नाटो का शिखर सम्मेलन हुआ था. इस पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सख्त प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि, यह सैन्य गठबंधन यूक्रेन संघर्ष के माध्यम से अपना 'वर्चस्व' स्थापित करने की कोशिश कर रहा है. अगर नाटो फिनलैंड और स्वीडन में सैनिक और इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़े करेगा तो तैनात करता है तो हम चुप नहीं बैठेंगे. हम उसका करारा जवाब देंगे.

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