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ब्राउन का कहना है कि ये एक-दूसरे के सामने खुद को बड़ा दिखाने की कोशिश रही होगी जिसमें ये जबड़े में सामने वाले का सिर फंसा लेते होंगे।
कभी धरती पर राज करने वाले डायनोसोर्स बेहद खतरनाक थे, यह तो शायद सभी को पता हो लेकिन एक ताजा स्टडी में पाया गया है कि ये आपस में भी भयानक लड़ाइयां लड़ा करते थे। कनाडा के वैज्ञानिकों ने 200 से ज्यादा टायरैनोसॉर (Tyrranosaur) खोपड़ों और जबड़े का अनैलेसिस किया और पाया कि वयस्कों के चेहरों पर एक जैसे चोट के निशान थे। माना जा रहा है कि प्रजनन के लिए साथी जीतने की होड़ में ये लड़ाइयां होती थीं। वैज्ञानिकों की थिअरी है कि ये हिंसक जीव एक-दूसरे को मारने के लिए नहीं लेकिन प्रभुत्व साबित करने के लिए काट लिया करते थे। (तस्वीर: Royal Tyrrell Museum)
एक-दूसरे से झगड़ा
स्टडी में बताया गया है कि ये हमले प्रजनन के लिए जरूरी उम्र पर पहुंचने के बाद होते थे। माना जाता है कि उचित साथी या क्षेत्र के लिए ऐसा किया जाता हो। पेलियोबायॉलजी जर्नल में छपी स्टडी एक ही प्रजाति के बीच ऐसे हमले आम थे और यह उनके बिहेवियर खर प्रजनन तंत्र को समझने के लिए अहम है। यह पता लगाना मुश्किल रहा है कि डायनोसोर कैसे झगड़ते थे। कनाडा के अलबर्टा में रॉयल टिरेल म्यूजियम के रिसर्चर्स ने साल 2017 में डायनोसोर प्रोविंशल पार्क में मिले जीवाश्मों में जबड़े की जांच की। (तस्वीर: Royal Tyrrell Museum)
ऐसे करते होंगे वार
स्टडी के लीड लेखक केलब ब्राउन ने लाइव साइंस को बताया है कि उन पर मिले निशान दांत के रहे होंगे। टायरैनोसॉर के खोपड़े निशानों से भरे रहे हैं लेकिन पहले कभी किसी पैटर्न को स्टडी नहीं किया गया। ब्राउन और उनके साथियों ने 202 डायनोसोर के 324 निशानों को देखा। पेलियंटॉलजिस्ट्स ने पाया कि ये निशान एक जैसी जगह और ओरियंटेशन पर थे। इससे अंदाजा लगाया गया कि ये एक जैसे तरीके से हमले के कारण हुए। ब्राउन का कहना है कि ये एक-दूसरे के सामने खुद को बड़ा दिखाने की कोशिश रही होगी जिसमें ये जबड़े में सामने वाले का सिर फंसा लेते होंगे।
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