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इटली के मिलान में चोरी की गई 'अवलोकितेश्वर पद्मपाणि' की मूर्ति बरामद
Renuka Sahu
12 Feb 2022 1:20 AM GMT
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फाइल फोटो
इटली में मिलान स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास ने शुक्रवार को बताया कि बेहद विशेष 'अवलोकितेश्वर पद्मपाणि' की मूर्ति को बरामद कर लिया गया है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इटली (Italy) में मिलान स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास ने शुक्रवार को बताया कि बेहद विशेष 'अवलोकितेश्वर पद्मपाणि' की मूर्ति को बरामद कर लिया गया है। इसे 20 साल पहले तस्करी करके भारत से बाहर ले जाया गया था।
वाणिज्य दूतावास के मुताबिक, यह मूर्ति करीब 1,200 वर्षो तक देवीस्थान कुंडलपुर मंदिर में सुरक्षित थी। वर्ष 2000 के आसपास इसे चोरी कर लिया गया था। पत्थर की यह मूर्ति आठवीं से 12वीं सदी के बीच की है। इसमें खड़े हुए अवलोकितेश्वर को अपने बाएं हाथ में एक खिलते हुए कमल के तने को पकड़े हुए दिखाया गया है। बौद्ध धर्म में अवलोकितेश्वर बोधिसत्व हैं जो सभी बुद्धों की करुणा का प्रतीक हैं।
Traced in Milan through tireless efforts from India Pride Project, Singapore, and Art Recovery International, London. 2/2@MEAIndia @PMOIndia @IndiainItaly @MinOfCultureGoI @iccr_hq @AmritMahotsav #AzadiKaAmritMahotsav pic.twitter.com/वण५कलकगपक
Delighted to be part of recovery and restitution of priceless 8th century stone statue of Avalokiteshwara Padamapani - missing since early 2000 from Devisthan Kundulpur Temple Bihar, India. 1/2...
— India in Milan (@CGIMilan) February 10, 2022
वाणिज्य दूतावास ने एक बयान में बताया, 'पता चला है कि यह मूर्ति इटली के मिलान में मिलने से पहले कुछ समय के लिए फ्रांस के आर्ट मार्केट में थी। चोरी गई इस मूर्ति की पहचान और उसकी वापसी में सिंगापुर स्थित इंडिया प्राइड प्रोजेक्ट और लंदन स्थित आर्ट रिकवरी इंटरनेशनल ने सहायता की है।'
इटली के मिलान में भारतीय वाणिज्य दूतावास ने शुक्रवार को कहा कि भारत से तस्करी कर लाए जाने के 20 साल बाद एक 'बेहद खास' 'अवलोकितेश्वर पद्मपाणि' की मूर्ति बरामद की गई है। भगवान बुद्ध को ही अवलोकितेश्वर पद्मपाणि कहा जाता है। भारतीय वाणिज्य दूतावास ने कहा, 'यह मूर्ति देवीस्थान कुंडुलपुर मंदिर में लगभग 1200 वर्षों तक सुरक्षित रही, जब तक कि इसे सन 2000 की शुरुआत में अवैध रूप से चोरी कर भारत से बाहर तस्करी करके नहीं लाया गया।' बौद्ध धर्म में, अवलोकितेश्वर बोधिसत्व है जो सभी बुद्धों की करुणा का प्रतीक है।
वाणिज्य दूतावास ने आगे कहा, 'यह पता चला है कि उक्त मूर्ति मिलान इटली में होने से पहले फ्रांस में कला बाजार में कुछ समय के लिए सामने आई थी। इंडिया प्राइड प्रोजेक्ट, सिंगापुर और आर्ट रिकवरी इंटरनेशनल, लंदन ने चोरी की इस मूर्ति की पहचान और वापसी में तेजी से सहायता की।'
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