विश्व
श्रीलंका: राष्ट्रपति का बड़ा फैसला, भाई को प्रधानमंत्री पद से हटाने के लिए हुए राजी
Gulabi Jagat
29 April 2022 2:48 PM GMT
x
श्रीलंका न्यूज
श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे (Sri Lanka President Gotabaya Rajapaksa) देश में दशकों के सबसे बड़े आर्थिक संकट के चलते पैदा हुए राजनीतिक गतिरोध का हल निकालने के लिए प्रस्तावित अंतरिम सरकार में प्रधानमंत्री के तौर पर अपने भाई की जगह किसी अन्य नेता को नियुक्त करने को राजी हो गए हैं. सांसद मैत्रीपाला सिरीसेना ने राष्ट्रपति के साथ बैठक के बाद कहा कि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे इस बात से सहमत हुए हैं कि एक नए प्रधाानमंत्री (Sri Lanka Prime Minister) के नाम से एक राष्ट्रीय परिषद नियुक्त की जाएगी और मंत्रिमंडल में सभी राजनीतिक दलों के सांसद शामिल होंगे.
सिरीसेना, राजपक्षे से पहले राष्ट्रपति थे. वह इस महीने की शुरूआत में करीब 40 अन्य सांसदों के साथ दलबदल करने से पहले सत्तारूढ़ दल के सांसद थे. श्रीलंका दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गया है और इस द्वीपीय देश ने घोषणा की है कि वह अपने विदेशी कर्ज की अदायगी स्थगित कर रहा है. उसे इस साल विदेशी कर्ज के रूप में सात अरब डॉलर और 2026 तक 25 अरब डॉलर अदा करने हैं. उसका विदेशी मुद्रा भंडार घट कर एक अरब डॉलर से भी कम रह गया है.
लोगों को घंटों कतार में इंतजार करना पड़ रहा
विदेशी मुद्रा की कमी ने आयात को बुरी तरह से प्रभावित किया है, लोगों को खाने-पीने की चीजें, ईंधन, रसोई गैस और दवा के लिए घंटों कतार में इंतजार करना पड़ रहा है. प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे सहित गोटबाया और उनके परिवार का पिछले 20 वर्षों से श्रीलंका के लगभग हर क्षेत्र में वर्चस्व रहा है. मार्च से सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे लोगों ने मौजूदा संकट के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया है. इससे पहले श्रीलंका के संकटग्रस्त राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और उनके सत्तारूढ़ गठबंधन के अलग हुए सदस्यों द्वारा शुक्रवार को बुलाई गई एक महत्वपूर्ण बैठक से पहले दलों ने जोर देकर कहा कि वे केवल तभी भाग लेंगे जब यह प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और मंत्रिमंडल की उपस्थिति के बिना आयोजित की जाएगी.
राजनीतिक दलों की बैठक बुलाई गई थी
देश में लंबे समय से चल रहे राजनीतिक गतिरोध को समाप्त करने के लिए एक सर्वदलीय सरकार के संभावित गठन पर चर्चा करने के लिए बुधवार को राष्ट्रपति गोटबाया ने सत्तारूढ़ गठबंधन के 11 राजनीतिक दलों की बैठक बुलाई थी. आमंत्रित लोगों में 40 से अधिक सदस्य हैं, जिन्होंने सत्तारूढ़ श्रीलंका पीपुल्स पार्टी (एसएलपीपी) गठबंधन से अलग रहने की घोषणा की थी. पार्टी के नेताओं में से एक वासुदेव नानायकारा ने बृहस्पतिवार को संवाददाताओं से कहा था, 'हम बैठक के लिए जा रहे हैं, लेकिन एक शर्त के तहत यह प्रधानमंत्री (महिंदा राजपक्षे) और मंत्रिमंडल की मौजूदगी के बिना होनी चाहिए.'
Next Story