जनता से रिश्ता वेबडेस्क | मिसौरी शहर के एक कैथोलिक नन के शव के आखिरी दर्शन के लिए समाज के सैकड़ों लोग उमड़ रहे हैं। नन की मौत चार साल पहले हुई थी। सेंट जोसेफ ने बताया कि 29 मई 2019 को सिस्टर विल्हेल्मिना लैंकेस्टर का निधन हो गया था। इस दौरान वह 95 साल की थीं। उन्हें लकड़ी के ताबूत में दफनाया गया था।
जोसेफ ने बताया कि उन्होंने बेनेडिक्टिन्स ऑफ मैरी और क्वीन ऑफ एपोस्टल्स ऑर्डर की स्थापना 1995 में की थी। संस्थापकों की प्रथा के अनुसार, उन्हें 18 मार्च 2023 को कब्र से निकाला गया था, जिससे मठ के चैपल में उन्हें अंतिम विश्राम के लिए दफनाया जा सके।
जोसेफ ने बताया कि शव जब कब्र से निकाला गया तो सिस्टर्स इस बात से दंग रह गईं कि शरीर में कोई सड़न नहीं थी। ताबूत के परत से उनका शरीर ढका हुआ था। उन्होंने बताया कि चार साल तक कब्र में रहने के बाद भी उनके शरीर का सिर्फ थोड़ी ही हिस्सा खराब हुआ था। एक सिस्टर ने बताया कि कब्र में रहने के कारण उनकी सिर्फ दाहिनी आंख पर असर पड़ा था।
इसके अलावा पलकें, भौहें, नाक और होंठ सभी ठीक थे। उनका चेहरा तो ऐसा लग रहा था कि वह अभी मुस्कुरा देंगी।
कैथोलिक धर्म के अनुसार, मौत के बाद अगर शरीर क्षय नहीं होती तो उसे ईमानदार माना जाता है। ईमानदार संत पुनरुत्थान और आने वाले जीवन की सच्चाई का गवाह देते हैं। शव निकालने की खबर जैसे ही समाजजन को पता चली, वैसे ही उनके दर्शनों के लिए लोग आने लगे। समाज के लोगों ने उन्हें चमत्कार बताया। लोगों के लिए एक आदेश वहां चस्पा किया गया है, जिसमें लिखा है कि कृपया सिस्टर के शरीर और पैरों को आराम से छूएं। बिशप ने दर्शनों के लिए आए लोगों से प्रार्थना जारी रखने के लिए निर्देशित किया है।