जनता से रिश्ता | नासा ने भी एक आकलन किया है जिससे पता चलता है कि समुद्र का स्तर केवल 30 सालों में 9 सेंटीमीटर से ज़्यादा बढ़ गया है. 1993 के बाद से समुद्र में कुल 9.1 सेंटीमीटर की वृद्धि हुई है. दो साल पहले ये 0.27 सेंटीमीटर बढ़ा था।
वर्ल्ड मीटियरोलॉजिकल ऑर्गनाइजेशन की रिपोर्ट
कुछ समय पहले वर्ल्ड मीटियरोलॉजिकल ऑर्गनाइजेशन की रिपोर्ट में भी चेताया गया था कि दुनिया में अगर समुद्र का स्तर इसी तरह बढ़ता रहा, तो दुनिया के बड़े शहर डूब जाएंगे. इन शहरों में मुंबई, शंघाई, ढाका, बैंकॉक, जकार्ता, मापुटो, लागोस, कायरो, लंदन, कोपेनहेगन, न्यूयॉर्क, लॉस एंजिल्स, ब्यूनोस एयर्स और सैनटियागो जैसे शहरों को खतरा है।
वैज्ञानिक की चेतावनी
पिछले काफी समय से वैज्ञानिक यह चेतावनी दे रहे हैं कि पृथ्वी पर समुद्र का जल स्तर बढ़ रहा है. जलस्तर बढ़ने से छोटे-छोटे द्वीप और कई देशों पर आफत आ सकती है। फिलहाल, खबर आ रही है कि चीन भी तेजी से डूब रहा है. पिछले साल यानी 2022 में चीन के तटीय समुद्र का स्तर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। 1980 में पहली बार मापे जाने के बाद से, जलस्तर हर साल औसतन 3.5 मिलीमीटर बढ़ा है।
चीन सरकार का अनुमान
चीन के प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय में मरीन फोरकास्टिंग और मॉनिटरिंग सेक्शन के प्रमुख वांग हुआ का कहना है कि पिछले साल समुद्र का स्तर 1993-2011 के औसत से 94 मिमी ज़्यादा था और यह वैश्विक दर से भी ज़्यादा तेजी से बढ़ रहा है. उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पिछले 11 सालों में, 2012 से 2022 तक, चीन के तटीय समुद्र का स्तर पहली बार दर्ज किए जाने के बाद से, सबसे ज़्यादा था. वांग ने कोई तुलनात्मक आंकड़े नहीं दिए, लेकिन पिछले साल समुद्र के औसत स्तर में 94 मिमी की बढ़ोतरी, 2021 की तुलना में 10 मिमी ज़्यादा थी. उन्होंने यह भी कहा कि ग्लोबल वार्मिंग की वजह से चीन के तटीय पानी का तापमान तेजी से बढ़ा है और इसीलिए समुद्र का स्तर बढ़ गया है।
सालाना रिपोर्ट क्या कहती है
पिछले साल मई में प्रकाशित एक सालाना रिपोर्ट में, चीन ने समुद्र के स्तर में औसत से ज़्यादा तेजी के लिए पानी के बढ़ते तापमान के साथ- साथ, ग्लेशियरों और पोलर आइस कैप्स के पिघलने को जिम्मेदार माना था। इस रिपोर्ट में ये चेतावनी दी गई थी कि समुद्र के स्तर में वृद्धि के दीर्घकालिक प्रभाव हो सकते हैं. जिसमें, तटीय पारिस्थितिक तंत्र का गड़बड़ाना, ज्वारीय फ्लैट्स को नुकसान और तटीय शहरों में बाढ़ और साल्ट टाइड का खतरा बढ़ना शामिल है।
आपको बता दें कि चीन की लगभग 140 करोड़ की आबादी का लगभग 45% और देश के आधे से ज़्यादा आर्थिक उत्पादन, तटीय क्षेत्रों से ही आता है. चीन के तट पर शंघाई समेत कई महत्वपूर्ण शहर बसे हुए हैं, शंघाई देश का सबसे विकसित और सबसे अमीर शहर है.