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खस्ताहाल पाकिस्तान को राहत, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने एक अरब डालर के कर्ज को दी मंजूरी

Khushboo Dhruw
3 Feb 2022 6:41 PM GMT
खस्ताहाल पाकिस्तान को राहत, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने एक अरब डालर के कर्ज को दी मंजूरी
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अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) ने पाकिस्तान के लिए अपने छह अरब डालर के बाधित कार्यक्रम की छठी समीक्षा को पूरा करने की मंजूरी दे दी है।

इस्लामाबाद। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) ने पाकिस्तान के लिए अपने छह अरब डालर के बाधित कार्यक्रम की छठी समीक्षा को पूरा करने की मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही आइएमएफ खस्ताहाल पाकिस्तान को लगभग एक अरब डालर के कर्ज की तत्काल एक किस्त जारी करेगा। आइएमएफ के कार्यकारी बोर्ड ने बुधवार को वाशिंगटन डीसी में छठी समीक्षा पूरी करने व विस्तारित फंड सुविधा (ईएफएफ) के तहत एक अरब डालर की किस्त जारी करने के पाकिस्तान के अनुरोध पर विचार करने के लिए बैठक की।

डान समाचार पत्र की गुरुवार की रिपोर्ट के अनुसार, बैठक में स्पेशल ड्राइंग राइट्स (एसडीआर) के तहत करीब एक अरब डालर की किस्त तत्काल जारी करने की अनुमति प्रदान की गई। पाकिस्तान के वित्त मंत्री शौकत तारिन ने एक ट्वीट में कहा, 'मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि आइएमएफ बोर्ड ने पाकिस्तान के अपने कार्यक्रम के लिए छठी किस्त को मंजूरी दे दी है।'

गौरतलब है कि पाकिस्तान और आइएमएफ ने जुलाई 2019 में तीन साल की विस्तारित फंड सुविधा (ईएफएफ) के तहत आर्थिक नीतियों पर एक समझौता किया था। इसके तहत पाकिस्तान को 39 महीने की अवधि के लिए लगभग छह अरब डालर का कर्ज दिया जाएगा।
धरातल पर नहीं उतरा पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच हुआ 20 अरब डालर का करार
उधर, पाकिस्तान की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) को बढ़ाने के प्रयासों में विफल रहे प्रधानमंत्री इमरान खान को सऊदी अरब से भी फिलहाल मायूसी ही हाथ लगी है। सऊदी अरब के साथ हुआ 20 अरब डालर का करार अभी धरातल पर नहीं उतरा है, जिससे पाकिस्तान को काफी उम्मीदें थीं। यह समझौता तब हुआ था, जब गत वर्ष सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने इस्लामाबाद का दौरा किया था।
पाकिस्तान की विदेश नीति में स्थिरता-पारदर्शिता की कमी व अन्य कारणों से सऊदी की कंपनियां चिंतित
इस्लाम खबर के अनुसार, दीर्घकालिक निवेश के तहत 10 अरब डालर की लागत से बनने वाली सऊदी अरामको आयल रिफायनरी का काम भी अभी शुरू नहीं हुआ है, जो पाकिस्तान के लिए बहुप्रतीक्षित घोषणा थी। एफडीआइ में कमी से चिंतित इमरान खान ने अक्टूबर 2021 में सऊदी-पाकिस्तान इन्वेस्टमेंट फोरम में सऊदी कंपनियों और संस्थानों से ऊर्जा, निर्माण, लाजिस्टिक व परिवहन आदि क्षेत्रों में निवेश का आग्रह किया था।
हालांकि, वे अपर्याप्त बुनियादी ढांचे (पानी, गैस, बिजली व यातायात), समुचित संस्थागत व्यवस्था न होने और भ्रष्टाचार के कारण पाकिस्तान में निवेश करने से विचलित हो गए। उन्हें विभाग से अनुमति मिलने और बैंकिंग सुविधा की उपलब्धता से जुड़ी चिंताएं भी थीं।
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