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दुनिया का सबसे बड़ा ड्रोन Ravn- X, स्पेस में लॉन्च करेगा सैटलाइट

Gulabi
9 March 2021 7:59 AM GMT
दुनिया का सबसे बड़ा ड्रोन Ravn- X, स्पेस में लॉन्च करेगा सैटलाइट
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धरती से रॉकेट लॉन्च करके अंतरिक्ष में सैटलाइट भेजना कोई नई बात नहीं है

धरती से रॉकेट लॉन्च करके अंतरिक्ष में सैटलाइट भेजना कोई नई बात नहीं है। अब तो एक साथ रेकॉर्डतोड़ रॉकेट लॉन्च करने की होड़ सी लग गई है। पहली बार आसमान की ऊंचाइयों में जाकर ड्रोन से सैटलाइट लॉन्च करने की तैयारी की जा रही है। एयरलॉन्च कंपनी Aevum ने तैयार किया है Ravn X नाम का ड्रोन जो रॉकेट की तुलना में कम पैसे में सैटलाइट को लॉन्च कर सकेगा। Aevum का दावा है कि यह

दुनिया का सबसे बड़ा ड्रोन है।

हवा से होगा लॉन्च
80 फीट लंबा और 18 फीट ऊंचा यह ड्रोन एक खास सॉफ्टवेयर से चलता है जिसे कंपनी ने ही बनाया है। यह खुद एक तय ऊंचाई तक जाएगा। वहां से यह एक रॉकेट लॉन्च करेगा और धरती की निचली कक्षा (Low Earth Orbit) में LEO सैटलाइट्स लॉन्च करेगा। छोटी-छोटी पेलोड सैटलाइट इसके जरिए हवा से ही लॉन्च की जाएंगी।
सरकार के प्लान के तहत कोरिया 2023-2025 के बीच ड्रोन सेवाओं को कमर्शलाइज किया जाना है। चीन आधारित EHang Holdings ने कोरिया में ड्रोन टैक्सी पहुंचाई हैं और EHang 216 के दो-सीटर पैसेंजर ग्रेड ड्रोन की फ्लाइट्स पूरी की गईं।
सिओल में EHang 216 येऊइडो टापू से निकला और घनी आबादी वाले इलाके के ऊपर से निकला। दूसरी फ्लाइट सूसिओन्ग जिले की डाईगू सिटी में की गई जहां 119 फायर इमर्जेंसी किट और AED मटीरियल का पैकेज डिलिवर किया गया। आखिरी फ्लाइट जेजू टापू पर की गई जहां EHang 216 तट के ऊपर से गुजरा और एयरियल साइटसीइंग का नमूना पेश किया।
कंपनी ने एक बयान में कहा, 'कोरिया की फ्लाइट का टूर पहला SAC (स्पेशल सर्टिफिकेट ऑफ एयरवर्दीनेस) मिलने के बाद पूरा किया गया जिसे MOLIT ने पैसेंजर ग्रेड AAV के लिए जारी किया था। तीन फ्लाइट्स मे EHang के UAM सलूशन के प्रैक्टिकल इस्तेमाल दिखाए गए।'
यह लॉन्च सिस्टम 70% दोबारा इस्तेमाल की क्षमता वाला है। कंपनी के CEO जे स्काइलस इसे 100% पर पहुंचाने की कोशिश में हैं। स्काइलस ने CNET को बताया है कि पहली स्टेज लैंडिंग के बाद दूसरा रॉकेट लॉन्च करेगी और फिर टेक ऑफ कर लेगी, जैसा किसी एयरलाइन के गेट पर होता है।
कंपनी ने बताया है कि उसे एक अरब से ज्यादा के लॉन्च कॉन्ट्रैक्ट पहले ही मिल चुके हैं। इसमें अमेरिकी स्पेस फोर्स के साथ धरती की निचली कक्षा में 360 सैटलाइट डिलिवर करना शामिल है। कंपनी का कहना है कि इस साल इसे पूरा किया जा सकता है।


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