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क्वाड समिट : द्विपक्षीय बैठकों के दौरान अफगानिस्तान में पाकिस्तान की भूमिका पर चर्चा, भारत ने बताया कई परेशानियों का कारण
Renuka Sahu
25 Sep 2021 4:47 AM GMT
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फाइल फोटो
अमेरिका में आयोजित हुए क्वाड शिखर सम्मेलन में आतंकवाद और अफगानिस्तान के साथ पाकिस्तान के तार जुड़े होने का मुद्दा चर्चा में रहा.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अमेरिका में आयोजित हुए क्वाड शिखर सम्मेलन में आतंकवाद (Terrorism) और अफगानिस्तान (Afghanistan) के साथ पाकिस्तान (Pakistan) के तार जुड़े होने का मुद्दा चर्चा में रहा. विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला (Harsh Vardhan Shringla) ने जानकारी दी कि द्विपक्षीय बैठकों के दौरान अफगानिस्तान में पाकिस्तान की भूमिका पर नजर रखने की जरूरत को लेकर चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि खुद को मददगार के तौर पर पेश कर रहा पाकिस्तान कई मायनों में ऐसी कुछ परेशानियों का कारण है, जिनका सामना भारत पड़ोसी देशों के साथ कर रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ऑस्ट्रेलियाई और जापानी समकक्षों स्कॉट मॉरिसन और योशिहिडे सुगा के साथ व्हाइट हाउस में पहली बार व्यक्तिगत रूप से आयोजित हुई क्वाड बैठक में हिस्सा लिया. श्रृंगला ने कहा कि व्हाइट हाउस में हुई द्विपक्षीय वार्ताओं के दौरान अफगानिस्तान में पाकिस्तान की भूमिका पर साफ चिंता जाहिर की गई. साथ ही पाकिस्तान की कुछ ऐसी गतिविधियों पर भी चिंता जाहिर की गई, जो अंतरराष्ट्रीय समुदाय के अपेक्षाओं के हिसाब से ठीक नहीं थी.
उन्होंने कहा कि बैठकों के दौरान भारत और अमेरिका इस बात पर सहमत हुए कि आतंकवाद का मुद्दा बहुत जरूरी है. विदेश सचिव ने बताया कि दोनों पक्षों ने किसी भी तरह की टेरेरिस्ट प्रॉक्सीज के इस्तेमाल पर सवाल उठाए और आतंकी समूहों को आर्थिक या सैन्य मदद देने से इनकार करने की जरूरत पर जोर दिया. श्रृंगला ने जानकारी दी कि अमेरिका और भारत आतंकवाद के खिलाफ वार्ता का आयोजन करेंगे.
विदेश सचिव ने कहा कि बैठकों के दौरान अफगानिस्तान के हालत पर भी कुछ चर्चाएं हुई हैं. इस दौरान उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव 2593 का जिक्र किया. उन्होंने कहा, 'दोनों पक्षों ने अफगानिस्तान में आतंकवाद और इसका सामना करने की जरूरत पर बात की. उन्होंने तालिबान से इनका और प्रस्ताव 2593 के तहत आने वाले सभी वादों का पालन करने का आह्वान किया. इसमें, स्वभाविक रूप से यह सुनिश्चित करना शामिल है कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल किसी भी देश के खिलाफ हमले की धमकी के लिए, आतंकी समूहों को पनाम देने या आतंकी हमलों को आर्थिक मदद देने के लिए नहीं होगा. साथ ही अफगानिस्तान में आतंकवाद का सामना करने की जरूरत पर जोर दिया.'
श्रृंगला ने बताया कि दोनों प्रतिनिधिमंलों ने अफगानिस्तान को महिलाओं, बच्चों, अल्पसंख्यकों और मानव सहयोग के प्रावधानों का सम्मान करने के लिए कहा. विदेश सचिव ने कहा कि उन्होंने अफगानिस्तान में एक समावेशी राजनीतिक चर्चा का भी आह्वान किया. उन्होंने जानकारी दी, 'यह बहुत अहम बात है. मुझे लगता है कि मौजूदा सत्ता व्यवस्था समावेशी नहीं लग रही है, इसने अफगानिस्तान के जातिय अल्पसंख्यकों को शामिल नहीं किया, जो इन्हें करना चाहिए था, उन्होंने महिलाओं की भागेदारी को शामिल नहीं किया.'
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