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एयरपोर्ट पर कपड़े उतरवाने के लिए कतर पर ऑस्ट्रेलिया में मुकदमा

Renuka Sahu
16 Nov 2021 5:46 AM GMT
एयरपोर्ट पर कपड़े उतरवाने के लिए कतर पर ऑस्ट्रेलिया में मुकदमा
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फाइल फोटो 

ऑस्ट्रेलिया की उन महिलाओं ने कतर पर मुकदमा करने का फैसला किया है जिन्हें पिछले साल एयरपोर्ट पर कपड़े उतारकर तलाशी देने को विवश किया गया था.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ऑस्ट्रेलिया की उन महिलाओं ने कतर पर मुकदमा करने का फैसला किया है जिन्हें पिछले साल एयरपोर्ट पर कपड़े उतारकर तलाशी देने को विवश किया गया था. इन महिलाओं ने व्यवस्था में बदलाव की मांग की है.यह वाकया पिछले साल का है जब अक्टूबर में दोहा के हमाद एयरपोर्ट पर अधिकारियों ने कुछ ऑस्ट्रेलियाई महिलाओं की कपड़े उतारकर तलाशी ली थी. अधिकारियों का कहना था कि वे एक ऐसी महिला की तलाश कर रहे थे जिसने कुछ देर पहले बच्चे को जन्म दिया था. दरअसल, दोहा हवाई अड्डे पर अधिकारियों को एक कूड़ेदान में तुरंत जन्मा बच्चा मिला था. उसके बाद ऑस्ट्रेलिया जा रहे एक विमान में सवार कई महिलाओं को उतार लिया गया और उनकी तलाशी ली गई. महिलाओं ने उस अनुभव को सरकार द्वारा अधिकृत यौन हमला बताया.

वैसे, कतर ने बाद में इस घटना के लिए माफी मांगी थी और एक अधिकारी को जेल की सजा भी हुई. लेकिन महिलाओं का कहना है कि उनके मामले को तब से नजरअंदाज किया जा रहा है. महिलाओं ने बताया था कि कुल 13 महिलाओं को विमान से उतारा गया था जिनमें से 7 को एंबुलेंस में ले जाया गया जहां उनके कपड़े उतरवाए गए और नर्सों ने उनकी जांच की. व्यवस्था में बदलाव की मांग इन महिलाओं का कहना है कि उन्होंने तलाशी के लिए सहमति नहीं दी थी और इसके लिए उन्हें कोई सफाई भी नहीं दी गई. सिडनी स्थित मार्की लॉयर्स में काम करने वाले वकील डेमियन स्टर्जेकर ने बताया कि महिलाओं को मुआवजा मिलना चाहिए. स्टर्जेकर ने कहा, "उन महिलाओं को उस वक्त प्रताड़ित किया गया और वह यातना लगातार उनके साथ बनी रही तो सबसे पहले तो उन्हें मुआवजा मिलना चाहिए. वह बहुत यातनापूर्ण अनुभव था जिससे गुजरने में उन्हें तकलीफ हो रही है.
" वकील के मुताबिक उस दिन दोहा से रवाना हो रहे नौ या दस विमान इसी वजह से देर से उड़े और उनमें से उतारकर महिलाओं की तलाशी ली गई. हालांकि उन्होंने कहा कि अन्य विमानों में सवार महिलाएं इस बारे में कोई कानूनी कार्रवाई कर रही हैं या नहीं, इसकी उन्हें जानकारी नहीं है. स्टर्जेकर ने कहा, "वे अपने साथ हुए व्यवहार के लिए कतर सरकार से माफी चाहती हैं और वे ये लंबे समय से यह मांग कर रही हैं कि कुछ व्यवस्था बनाई जाए ताकि ऐसा दोबारा ना हो." 30 से 50 वर्ष के बीच की ये महिलाएं आने वाले हफ्तों में ऑस्ट्रेलिया के राज्य न्यू साउथ वेल्स की सर्वोच्च अदालत में मुकदमा दायर कर सकती हैं. हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया है कि वे मुआवजे में कितनी राशि चाहती हैं. वकीलों ने महिलाओं की तरफ से कतर सरकार, वहां के नागरिक विमानन प्राधिकरण, एयरपोर्ट और सरकारी एयरलाइन कतर एयरवेज को नोटिस भेजकर सूचित कर दिया है कि ऑस्ट्रेलिया की अदालतें यह मुकदमा सुनने के लिए अधिकृत हैं. कतर का पक्ष कतर सरकार ने इस बारे में कोई टिप्पणी तो नहीं की है लेकिन अपने पुराने बयानों की ओर इशार किया जिनमें घटना के लिए माफी मांगी गई थी.
इस बयान में कहा गया था कि इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों पर कानूनी कार्रवाई की जा रही है. पिछले हफ्ते ही ऑस्ट्रेलिया की संघीय पुलिस ने शिकायतकर्ताओं को सूचित किया था कि इस मामले में एक एयरपोर्ट पुलिस अधिकारी पर जुर्माना किया गया और उसे छह महीने की निलंबित जेल की सजा दी गई. एयरलाइन इस मामले में अपनी जिम्मेदारी को नकारती रही है जबकि स्टर्जेकर ने कहा है कि कतर सरकार उनके दावों पर विचार कर रही है. मध्य पूर्व के कई देशों की तरह कतर में भी शादी के बाहर यौन संबंध बनाना और बच्चा पैदा करना गैरकानूनी है. पहले भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं जबकि प्रवासी महिलाओं ने अपने गर्भ को छिपाया और विदेश जाकर बच्चे पैदा करने की कोशिश की. बहुत सी महिलाओं ने जेल से बचने के लिए अपने बच्चों को त्याग दिया था. वीके/सीके (एपी).
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