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टेंशन में पुतिन: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने किया ये ऐलान

jantaserishta.com
30 Jun 2022 7:54 AM GMT
टेंशन में पुतिन: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने किया ये ऐलान
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

नई दिल्ली: यूक्रेन और रूस में युद्ध के बीच NATO ने फिनलैंड और स्वीडन को सदस्य बनने का न्योता भेजा है. फिनलैंड और स्वीडन के नाटों में शामिल होने की दिशा में एक और कदम बढ़ाने पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की प्रतिक्रिया आई है. पुतिन ने कहा, हमें यूक्रेन जैसी समस्या फिनलैंड और स्वीडन से नहीं है. अगर दोनों देश NATO में शामिल होना चाहते हैं, तो हम उनका स्वागत करते हैं. लेकिन अगर दोनों देश NATO में शामिल हो गए, तो हमारे रिश्तों में कुछ तनाव रहेगा.

हालांकि, इससे पहले व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि अगर फिनलैंड और स्‍वीडन ने रूस की सीमा के पास हथियार तैनात किए तो उसका करारा जवाब दिया जाएगा. उन्‍होंने कहा था क‍ि NATO यूक्रेन जंग के जरिए अपनी सैन्‍य बढ़त कायम करने पर जोर दे रहा है. उन्‍होंने चेतावनी दी कि अगर नाटो ने फिनलैंड और स्‍वीडन में अपने सैनिक और सैन्य अड्डे बनाता है तो उसका करारा जवाब दिया जाएगा.
इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ट्वीट कर कहा कि नाटो को फिनलैंड और स्वीडन को सदस्य बनने के लिए आमंत्रित करते हुए गर्व हो रहा है. उन्होंने कहा, स्वीडन और फिनलैंड का नाटो में शामिल होने का फैसला हमें और भी मजबूत बनाने जा रहा है. यह कदम हमारी समग्र ताकत को बढ़ाने की दिशा में है. बाइडने ने कहा कि नाटो संगठन हर इंच जमीन की सुरक्षा करेगा.
रूस लगातार फिनलैंड और स्वीडन के NATO में शामिल होने पर विरोध जताता रहा है. इससे पहले रूस और यूक्रेन युद्ध की शुरुआत भी NATO की सदस्यता से हुई थी. यूक्रेन NATO की सदस्यता लेने पर अड़ा था. वहीं, रूस के राष्ट्रपति ने नाराज होकर यूक्रेन पर हमला कर दिया. हालांकि, यूक्रेन इसके बाद NATO की सदस्यता लेने से पीछे हट गया. लेकिन फिनलैंड और स्वीडन ने नाटो की सदस्यता लेने का मन बना लिया.
बुधवार को नाटो के सदस्य देशों ने फिनलैंड और स्वीडन को सदस्य बनने का न्योता दिया है. पहले तुर्की ने दोनों देशों के NATO में शामिल होने पर आपत्ति जताई थी. हालांकि, बाद में तुर्की ने भी हरी झंडी दे दी. NATO ने बुधवार को कहा कि रूस यूरोप की सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा है.
फिनलैंड की रूस के साथ 830 मील की सीमा मिली है. ऐसे में अगर फिनलैंड NATO में शामिल होता है, तो रूस की नाटो क्षेत्रों के साथ साझा होने वाली सीमा लगभग दोगुनी हो जाएगी. उधर, स्वीडन की रूस के साथ भूमि सीमा नहीं है. लेकिन स्वीडन और रूस की समुद्री सीमा जुड़ी है.


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