कानून प्रवर्तन अधिकारियों को झूठे मामलों में फंसाने की साजिश रच रही PTI

पाकिस्तान | पूर्व पीएम इमरान खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। एक ओर जहां उनकी पार्टी के नेता एक के बाद एक उनसे किनारा करते जा रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर पाकिस्तान की गठबंधन सरकार पीटीआई पर बैन लगाने की तैयारी में है। इस बीच, पाकिस्तान के गृहमंत्री राणा सनाउल्लाह ने इंटरसेप्टेड फोन कॉल से इमरान खान की पार्टी की फर्जी छापेमारी की साजिश का खुलासा हुआ है।
पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने दावा किया है कि खुफिया एजेंसियों को एक इंटरसेप्टेड फोन कॉल से पता चला है कि इमरान खान की पार्टी कानून प्रवर्तन अधिकारियों को बदनाम करने की साजिश रच रही है। सनाउल्लाह ने कहा कि पीटीआई के इस कदम का उद्देश्य कानून-प्रवर्तन एजेंसियों को फर्जी आरोपों में फंसाना और बाद में इस मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उठाना था। हालांकि, सनाउल्लाह ने अपने दावों को पुख्ता करने के लिए कोई सबूत नहीं दिया है।
वहीं, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के अध्यक्ष इमरान खान ने रविवार को सनाउल्लाह पर पलटवार किया हैष उन्होंने कहा कि गृहमंत्री साफ तौर पर मीडिया में आने वाली डरावनी कहानियों को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि अगर जेलों में महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार के बारे में कोई संदेह था, तो प्रेस कॉन्फ्रेंस से ऐसे सभी संदेह दूर हो जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि महिलाओं के साथ राज्य द्वारा कभी भी इतना दुर्व्यवहार और उत्पीड़न नहीं किया गया, जितना कि इस फासीवादी सरकार द्वारा किया गया है, जब वे शांतिपूर्वक विरोध करने के अपने अधिकार का प्रयोग कर रही थीं।
सत्तारूढ़ पीडीएम सरकार उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रही है। रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बुधवार को इसकी पुष्टि की कि सरकार पीटीआई पर पाबंदी लगाने पर विचार किया जा रहा है। नौ मई की घटनाओं के बाद खान की पार्टी के 60 से अधिक नेता अलग हो गए हैं। पार्टी छोड़ने वाले प्रमुख नेताओं में महासचिव असद उमर, वरिष्ठ नेता फवाद चौधरी और पूर्व मंत्री शिरीन मजारी शामिल हैं।